Raj Thackeray controversy: राज ठाकरे के खिलाफ विवादित भाषण और हिंसा को लेकर शिकायत दर्ज, कार्रवाई की मांग तेज
Raj Thackeray controversy: राज ठाकरे के भड़काऊ भाषण के खिलाफ तीन वकीलों ने शिकायत दर्ज की है. शिकायत में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की मांग की गई है. बयान के बाद महाराष्ट्र के कई हिस्सों में हिंसा की घटनाएं हुईं. वकीलों ने मनसे कार्यकर्ताओं की हिंसा की जांच और सख्त कार्रवाई की भी मांग की है.

Raj Thackeray controversy: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के विवादास्पद बयान के बाद तीन अधिवक्ताओं के समूह ने उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी NSA के तहत कार्रवाई की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई है. राज ठाकरे ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से गैर-मराठी भाषियों की पिटाई करने की बात कही थी, जिसके बाद महाराष्ट्र के कई हिस्सों में हिंसा, धमकी और सार्वजनिक अपमान की घटनाएं सामने आई हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिकायत वकील पंकज कुमार मिश्रा, नित्यानंद शर्मा और आशीष राय द्वारा की गई है. मराठी भाषा में दर्ज इस शिकायत में ठाकरे पर घृणा फैलाने, सांप्रदायिक तनाव भड़काने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है. इसमें कहा गया है कि इस तरह के भाषणों से न केवल सार्वजनिक व्यवस्था बिगड़ती है, बल्कि यह संविधान द्वारा प्रदत्त नागरिक अधिकारों का उल्लंघन भी है.
सख्त कानूनी कार्रवाई मांग
शिकायतकर्ताओं ने मांग की है कि राज ठाकरे के भाषण की गहन जांच की जाए और ऐसे बयानों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी नेता या संगठन द्वारा भाषा और क्षेत्रीय पहचान के नाम पर हिंसा को बढ़ावा न दिया जा सके.
राज ठाकरे का विवादित बयान
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब हाल ही में राज ठाकरे ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था कि,
"अगर कोई मराठी न बोलने का नाटक करता है, तो उसके कान के नीचे एक थप्पड़ मारो लेकिन वीडियो मत बनाओ." उन्होंने यह भी कहा कि गुजराती या किसी अन्य को मराठी आनी ही चाहिए, अन्यथा वे इसे नाटक कर रहे हैं.
राज्य में हो रही हिंसक घटनाएं
इस बयान के बाद पूरे राज्य में कई हिंसक घटनाएं सामने आईं. हाल ही में, पालघर जिले में एक प्रवासी ऑटो-रिक्शा चालक को मनसे और शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने दिनदहाड़े पीट दिया. आरोप है कि उसने मराठी भाषा में बात नहीं की, जिसके बाद उसे सार्वजनिक रूप से माफी मांगने पर मजबूर किया गया.
धमकियों की निष्पक्ष जांच
शिकायत में यह भी मांग की गई है कि मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा कथित हमलों और धमकियों की निष्पक्ष जांच हो, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. अधिवक्ताओं ने सरकार से आग्रह किया कि वह राज्य के सभी नागरिकों के जीवन, स्वतंत्रता और समानता की रक्षा करे. यह मामला ऐसे समय पर सामने आया है जब महाराष्ट्र में हिंदी बनाम मराठी भाषा विवाद फिर से जोर पकड़ रहा है, और राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी और जमीन पर टकराव बढ़ रहा है.