नई दिल्ली: उत्तर भारत में ठंड धीरे-धीरे दस्तक दे चुकी है और अब तापमान के तेजी से गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है. दिल्ली-एनसीआर में मौसम साफ रहने के बावजूद ठिठुरन बढ़ गई है. सुबह-शाम चल रही सर्द हवाओं ने गलन पैदा कर दी है, वहीं बढ़ता प्रदूषण लोगों की सांसों के लिए खतरा बन रहा है. इस बीच मौसम विभाग ने 27 नवंबर से 2 दिसंबर तक कड़ाके की सर्दी बने रहने का पूर्वानुमान जारी किया है. इसके अलावा दिल्ली में न्यूनतम तापमान 9 से 12 डिग्री और अधिकतम तापमान 24 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है. कुछ इलाकों में हल्का कोहरा भी छा सकता है.
उधर, पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान, एमपी और बिहार में भी पारे में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे सर्दी का प्रभाव बढ़ने लगा है. आने वाले दिनों में इस ठंड का असर और तेज होने का अनुमान है.
राजधानी दिल्ली में ठंड के साथ एयर क्वालिटी भी बिगड़ती जा रही है. मौसम साफ रहने के बावजूद प्रदूषण ऊंचे स्तर पर बना हुआ है, जिससे स्वास्थ्य पर दोहरा प्रभाव पड़ रहा है. लोग सर्द हवाओं और खराब वायु गुणवत्ता दोनों से परेशान हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, ठंड के मौसम में प्रदूषक तत्त्व नीचे जमे रहते हैं, जिससे हवा ज्यादा जहरीली हो जाती है. आने वाले सप्ताह तक यह स्थिति बनी रहने की आशंका है.
जम्मू-कश्मीर में बर्फीली ठंड और अधिक बढ़ गई है. श्रीनगर में तापमान शून्य से माइनस 3.9 डिग्री तक पहुंच गया, जो इस सीजन की सबसे ठंडी रात रही. मौसम विभाग का अनुमान है कि 10 दिसंबर तक पारा और नीचे जा सकता है. घाटी के कई क्षेत्रों में गलन बढ़ने से दैनिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है. हालांकि मौसम शुष्क रहेगा लेकिन हाड़ कंपाने वाली सर्दी थमने वाली नहीं है.
पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से राजस्थान में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है. 27 और 28 नवंबर को जोधपुर, उदयपुर, अजमेर और जयपुर संभाग में बादल छाने और कहीं-कहीं बारिश हो सकती है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अधिकतर क्षेत्रों में बादल छाने के बाद ठंड और अधिक बढ़ सकती है. बारिश के चलते तापमान में और कमी आ सकती है.
उत्तराखंड और हिमाचल के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के संकेत मिल रहे हैं. न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट देखी जा रही है. देहरादून, नैनीताल, मसूरी समेत पहाड़ी जिलों में ठंड बढ़ गई है. मौसम विभाग का अनुमान है कि अगर तापमान यही रफ्तार से गिरता रहा, तो जल्द ही कई ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी देखने को मिलेगी.