उम्मीदवार ने अमानत राशि के रूप में जमा कराए 5 हजार के चिल्लर, महाराष्ट्र के इस नगर निगम चुनाव में अनोखा नामांकन
अकोला नगर निगम चुनाव में एक उम्मीदवार ने नामांकन के दौरान 5 हजार रुपये की अमानत राशि चिल्लर और छोटे नोटों के रूप में जमा कराई, जो अब चर्चा का विषय बन गई है.
नई दिल्ली: अकोला नगर निगम चुनाव के बीच एक अनोखी घटना ने पूरे शहर का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. जब ज्यादातर उम्मीदवार नामांकन प्रक्रिया को औपचारिकता मानते हैं, तब एक प्रत्याशी ने इसे जनता से जुड़ाव का प्रतीक बना दिया.
नामांकन के दौरान अमानत राशि आम तौर पर एक साधारण प्रक्रिया होती है, लेकिन इस बार चिल्लर और छोटे नोटों में जमा की गई राशि ने चुनावी माहौल में अलग ही रंग घोल दिया.
अनोखा नामांकन बना चर्चा का विषय
यह मामला अकोला नगर निगम के झोन क्रमांक 5 के प्रभाग क्रमांक 15 का है. यहां से लोकतांत्रिक जनाधार पार्टी के उम्मीदवार लक्ष्मीकांत अग्रवाल नगरसेवक पद के लिए नामांकन भरने पहुंचे. उन्होंने 5 हजार रुपये की अनिवार्य अमानत राशि पूरी तरह चिल्लर और छोटे नोटों में जमा की. जैसे ही यह राशि चुनाव निर्णय अधिकारी के कार्यालय में पहुंची, वहां मौजूद कर्मचारी और अन्य उम्मीदवार हैरान रह गए.
सिक्कों और नोटों की गिनती में मशक्कत
अमानत राशि में बड़ी संख्या में 5 और 10 रुपये के सिक्के शामिल थे. इसके अलावा 10, 20, 50 और 500 रुपये के नोट भी थे. सिक्कों की मात्रा इतनी ज्यादा थी कि कर्मचारियों को गिनती में खासा समय लग गया. कुछ देर के लिए पूरा कार्यालय सिर्फ नोट और सिक्के गिनने में व्यस्त नजर आया. इस दौरान माहौल औपचारिक से ज्यादा उत्सुकता भरा हो गया.
कार्यालय में दिखी हलचल
नामांकन के समय आम तौर पर शांत रहने वाला कार्यालय इस घटना के कारण चर्चा से भर गया. वहां मौजूद लोग एक दूसरे से इस अनोखे तरीके पर बात करते नजर आए. कुछ लोगों ने इसे चुनावी प्रचार का तरीका बताया, तो कुछ ने इसे जनता से जुड़ाव का प्रतीक माना. नगर निगम चुनाव के बीच यह दृश्य बाकी उम्मीदवारों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गया.
उम्मीदवार ने बताई चिल्लर की वजह
लक्ष्मीकांत अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह पैसा उन्होंने किसी बड़े दानदाता से नहीं लिया है. उन्होंने बताया कि यह अमानत राशि जनता ने पाई पाई जोड़कर दी है. उनके अनुसार, जब आम लोग अपने घर से सिक्के और छोटे नोट निकालकर देते हैं, तो उसका सम्मान करना जरूरी है. इसलिए उन्होंने वही पैसा उसी रूप में जमा किया.
जीत पर जनता के लिए काम का वादा
उम्मीदवार ने कहा कि अगर जनता उन्हें जीत दिलाती है, तो वह पूरी ईमानदारी से विकास कार्यों में जुटेंगे. उन्होंने भरोसा दिलाया कि जनता की छोटी छोटी जरूरतों को प्राथमिकता दी जाएगी. अकोला नगर निगम चुनाव में यह अनोखा नामांकन अब सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि राजनीति में आम लोगों की भागीदारी और भरोसे का प्रतीक बन गया है. शहर में यह मामला सामाजिक और राजनीतिक चर्चाओं में लगातार जगह बनाए हुए है.
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