Monsoon in India: भारत के कई राज्यों में इस समय मानसून ने तबाही मचा दी है. उत्तराखंड से लेकर राजस्थान और पंजाब तक हो रही लगातार बारिश की वजह से आम जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. हालांकि कुछ राज्यों में अभी भी बारिश का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. हालांकि भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी किया गया अपडेट ने लोगों को एक बार फिर से जलवायु परिवर्तन के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है. IMD द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस साल मानसून ने अपनी औसत समय से 9 दिन पहले ही एंट्री ले ली.
IMD द्वारा बताया गया कि इस साल 29 जून तक पूरे देश में बारिश पहुंच चुका था. यह अपने समय से लगभग 9 दिन पहले था. वहीं केरल में 24 मई को ही मानसून की एंट्री हो चुकी थी. राजस्थान की रेत चक इस बार बारिश की वजह से पूरी तरह भीग गए. वहीं लद्दाख के ऊंचे पहाड़ों पर भी भारी बारिश हुई.
मिल रही जानकारी के मुताबिक राजस्थान में 554 मिमी से भी ज्यादा बारिश हो चुकी है, जो की औस से ज्यादा है. वहीं हिमाचल प्रदेश में लगभग 800 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो लगभग एक तिहाई से ज्यादा है. उत्तराखंड में इस बार रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई. इस बार उत्तराखंड के पहाड़ों में एक हजार मिमी से ज्यादा बारिश हुई है. अगर राष्ट्रीय राजधानी की बात करें तो यहां 574 मिमी से ज्यादा बारिश हुई है. लद्दाख में अभी तक 64 मिमी बारिश हुई. वहीं जम्मू-कश्मीर में लगभग 466 मिमी बारिश दर्ज की गई है. मौसम विभाग की मानें तो पंजाब में 423 और हरियाणा में 103 मिमी बारिश दर्ज की गई. झारखंड में एक हजार मिमी से भी ज्यादा बारिश हुई और गुजरात में 641 मिमी बारिश हुई, जो औसत से कई गुणा ज्यादा है.
उत्तराखंड और हिमाचल जैसे राज्यों का पानी से बुरा हाल हो चुका है. इन दोनों राज्यों में बादल फटने की वजह से कई गांवों में अचानक बाढ़ आ गई, जिसकी वजह से कई लोगों की मौत हो गई. वहीं कुछ लोग लापता बताए जा रहे हैं. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में भूस्खलन की वजह से भी लोगों की मौत हुई है. एक ओर जहां बारिश के वजह से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है, वहीं दूसरी ओर लोगों को अभी भी अच्छे मानसून का इंतजार है. पूर्वी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में अभी तक बारिश पूरी तरह से नहीं हुई है. बिहार में 544 मिमी और असम में 754 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो की सामान्य से लगभग एक-तिहाई कम है. इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश में 40 प्रतिशत, मेघालय में 40 प्रतिशत और सिक्किम में 20 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है.