केरल की राजनीति में शनिवार को एक ऐतिहासिक मोड़ देखने को मिला, जब भारतीय जनता पार्टी ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम में 45 साल से चला आ रहा वामपंथी शासन समाप्त कर दिया. इस बड़ी राजनीतिक सफलता की सबसे चर्चित चेहरा बनीं पूर्व DGP और केरल की पहली महिला IPS अधिकारी आर श्रीलेखा.
सश्तमंगलम वार्ड से उनकी शानदार जीत ने न सिर्फ बीजेपी की स्थिति मजबूत की, बल्कि उन्हें राज्य की राजधानी की संभावित पहली बीजेपी मेयर के रूप में भी स्थापित कर दिया.
101 सदस्यीय तिरुवनंतपुरम नगर निगम में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. पार्टी ने 50 वार्डों में जीत दर्ज की, जबकि वामपंथी मोर्चा 29 और कांग्रेस नेतृत्व वाला यूडीएफ 19 सीटों पर सिमट गया. भले ही बीजेपी पूर्ण बहुमत से एक सीट दूर रही, लेकिन यह परिणाम राजधानी में बड़े राजनीतिक बदलाव का संकेत माना जा रहा है.
आर श्रीलेखा ने सश्तमंगलम डिवीजन से भारी अंतर से जीत हासिल की. जीत के बाद उन्होंने कहा कि इस वार्ड में अब तक किसी उम्मीदवार को इतना बड़ा जनसमर्थन नहीं मिला. उन्होंने मतदाताओं का आभार जताते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उनके खिलाफ हुए तीखे हमलों को जनता ने पूरी तरह नकार दिया.
आर श्रीलेखा जनवरी 1987 में केरल की पहली महिला IPS अधिकारी बनी थीं. तीन दशक से अधिक के करियर में उन्होंने कई जिलों में पुलिस प्रमुख के रूप में काम किया. उन्होंने CBI, क्राइम ब्रांच, विजिलेंस, फायर फोर्स, मोटर वाहन और जेल विभाग जैसे अहम संस्थानों में भी सेवाएं दीं. वर्ष 2017 में वह केरल की पहली महिला DGP बनीं.
CBI में रहते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ बेखौफ कार्रवाई के चलते उन्हें ‘रेड श्रीलेखा’ के नाम से जाना जाने लगा. उनकी छवि एक सख्त और निष्पक्ष अधिकारी की रही. दिसंबर 2020 में उन्होंने 33 वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति ली, लेकिन इसके बाद भी वे सार्वजनिक चर्चाओं में बनी रहीं.
आर श्रीलेखा ने अक्टूबर 2024 में बीजेपी जॉइन की थी. उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर राजनीति में आईं. मेयर बनने की संभावनाओं पर उन्होंने स्पष्ट किया कि अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा. यदि ऐसा होता है, तो वे तिरुवनंतपुरम की पहली बीजेपी मेयर बनकर इतिहास रचेंगी.