CJI BR Gavai: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने सुप्रीम कोर्ट में हुए जूता कांड पर चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ, उसको लेकर मैं स्तब्ध था लेकिन अब वे इस घटना को भुलाकर आगे बढ़ चुके हैं. हालांकि, घटना के दौरान उनके साथ बेंच पर मौजूद रहे जस्टिस उज्जव भुइयां ने सीजेआई से थोड़ी अलग राय रखी है.
बता दें कि सोमवार को सीजेआई गवई के कोर्ट रूम में एक 71 वर्षीय वकील ने जूता फेंकने की कोशिश की थी. अगले ही दिन यह घटना देश भर के अखबारों की फ्रंट पेज की सुर्खी बन गई थी. पुलिस ने आरोपी वकील को पकड़ लिया था हालांकि थोड़ी ही देर बाद उन्हें छोड़ भी दिया गया. पुलिस के अनुसार, वकील पिछले महीने खजुराहो में भगवान विष्णु की प्रतिमा की पुनर्स्थापना से जुड़ी सुनवाई के दौरान सीजेआई की टिप्पणी से नाराज था.
मेरा साथी हैरान थे
चीफ जस्टिस ने कहा कि सोमवार को जो कुछ भी हुआउससे मैं और मेरे साथ बैठे जज स्तब्ध थे लेकिन अब यह एक भूला हुआ अध्याय है. हालांकि, उज्जल भुईंया ने इस घटना पर कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट का अपमान है. भुईंया ने कहा, 'मेरे इस पर अलग विचार हैं. वह देश के मुख्य न्यायाधीश हैं. ये कोई मजाक की बात नहीं है. इसके बाद में किसी को भी किसी तरह का माफीनामा नहीं दे रहा हूं...यह पूरे संस्थान पर आघात है. क्योंकि जजों के रूप में सालों में हम कई काम ऐसे करते हैं जिन्हें दूसरे लोग उचित न समझते हों लेकिन इससे हमारे अपने निर्णयों पर विश्वास कम नहीं होता है.'
यह अक्षम्य अपराध
वहीं इस घटना को लेकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह अक्षम्य अपराध था लेकिन कोर्ट और पीठ ने जो संयम और उदारता दिखाई वह सराहनीय और प्रेरक है.
#WATCH | Delhi: Suspended Advocate Rakesh Kishore, who attempted to hurl an object at CJI BR Gavai, says, "...I was hurt...I was not inebriated, this was my reaction to his action...I am not fearful. I don't regret what happened."
— ANI (@ANI) October 7, 2025
"A PIL was filed in the Court of CJI on 16th… pic.twitter.com/6h4S47NxMd