Chhindwara Lok Sabha Seat : साल 2004 तक बीजेपी का गढ़ कही जाने वाली छिंदवाड़ा लोकसभा सीट अब कांग्रेस का गढ़ बनी हुई है. इस सीट पर लगातार दो बार कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलानाथ से चुनाव हारने वाले बंटी साहू को बीजेपी ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव में नकुलनाथ के खिलाफ मैदान में उतार दिया है.
बंटी साहू 2019 में तात्कालिक सीएम कमलनाथ के खिलाफ उपचुनाव में खड़े हुए थे,जिसमें उनको 25 हजार वोटों से हार मिली थी. इसी चुनाव के बाद बंटी साहू बीजेपी आलाकमान की नजर में आ गए. 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने फिर उन्हें कमलनाथ के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा और बंटी 37 हजार वोटों से चुनाव हार गए. 2024 में एक बार फिर छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से नुकलनाथ चुनावी मैदान में हैं.
मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट 1951 में अस्तित्व में आई थी. अगर इसके पिछले तीन चुनाव में नतीजों की बात करें तो 2009 में कमलनाथ को यहां से 4,09,736 वोट मिले थे, वहीं भाजपा के उम्मीदवार को 2,88,516 वोट मिले थे. इस चुनाव में कमलनाथ को जीत मिली थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां से कमलनाथ को 5,59,755 वोट मिले थे. वहीं भाजपा के उम्मीदवार को 4,43,218 वोट मिले थे. इस चुनाव में कमलनाथ ने जीत दर्ज की थी.
2019 की बात करें तो कमलनाथ तब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे और छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर उनके बेटे नकुलनाथ को कांग्रेस ने उतारा था. इस सीट से भाजपा ने नाथान शाह को टिकट दिया था. इस दौरान नकुलनाथ को 5,47,305 और नाथान शाह को 5,09,769 वोट मिले थे. वर्तमान में इस सीट से नकुलनाथ सांसद हैं.
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट में कुल 7 विधानसभा सीटें हैं. इसमें जुन्नारदेव, चौरई, अमरवाड़ा, सौसर, छिंदवाड़ा, परासिया और पांढुर्ना विधानसाभा सीटें शामिल हैं. छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर आदिवासी वोटर्स गेमचेंजर की भूमिका में हैं. यहां आदिवासी वोटर्स की संख्या 6 लाख से ज्यादा है. लोकसभा सीट में मतदाताओं की संख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 11.1% (167,085) अनुसूचित जाति के मतदाता हैं. जबकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) की जनसंख्या 36.2% यानि 544,907 है. वहीं मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 4.7% (71,152) है. इसके अलावा इस सीट पर ग्रामीण मतदाता 75.3% (1,133,466) और शहरी मतदाता 24.7% (371,801) हैं.
नकुलनाथ मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बेटे हैं. 2019 का लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से जीतकर सांसद बने हैं. वर्तमान में वह छिंडवाड़ा सीट से सांसद हैं. ADR की रिपोर्ट केअनुसार, नकुलनाथ के पास करीब 650 करोड़ रुपये की संपत्ति है. जो ज्योतिरादित्य सिंधिया की संपत्ति 350 करोड रुपए से दोगुनी के करीब है. ऐसा माना जाता है कि एक समय पर सिधिंया राजघराना मध्यप्रदेश का सबसे रईस राजघराना माना जाता था, लेकिन अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने उन्हें पीछे छोड़ दिया है. इनके ऊपर संपत्ति की तुलना में मामूली कर्ज करीब 88 लाख रुपये है. नकुलनाथ ने अमेरिका के बे-स्टेट कॉलेज, बोस्टन मैसाचुसेट्स से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की हैं.
विवेक कुमार उर्फ 'बंटी साहू' छिंदवाड़ा में बीजेपी के स्थानीय नेता हैं. बंटी साहू लगातार दो चुनाव में कमलनाथ को कड़ी टक्कर देते आए हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में बंटी साहू और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली थी. जहां मध्य प्रदेश में कई बीजेपी के विधायक एक लाख वोटों से जीते थे, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ केवल 34 हजार 5 सौ वोट से ही जीत पाए थे. पार्टी ने नकुलनाथ के सामने बंटी साहू को उतार कर एक बार फिर लोकसभा चुनाव में पेंच फंसा दिया है.