Chandrayaan Mission: 'मिशन 1, रॉकेट 2', जानें क्या है ISRO का चंद्रयान-4 प्लान
Chandrayaan 4 Mission: भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च संगठन (ISRO) ने चंद्रयान 4 को लेकर अपना प्लान बताया है. इसरो इस बार एक ही मिशन पर दो अलग-अलग रॉकेट लॉन्च करेगा.
Chandrayaan 4 Mission: चंद्रयान और सूर्ययान की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च संगठन (ISRO) एक बार फिर से इतिहास रचने के लिए तैयार है. पहली बार इसरो एक ही मिशन को पूरा करने के लिए दो रॉकेट लॉन्च करेगा. ये देश का चौथा चंद्रमा मिशन चंद्रयान 4 है, जो चंद्रमा की चट्टानों और मिट्टी (रेगोलिथ) को पृथ्वी पर वापस लाएगा.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, दो अलग-अलग रॉकेट (हेवी लिफ्टर एलवीएम-3 और इसरो का वर्कहॉर्स पीएसएलवी) एक ही चंद्रमा मिशन के लिए अलग-अलग पेलोड ले जाएंगे. इसलिए इन्हें अलग-अलग दिनों में लॉन्च किए जाएंगे. इनके सफल होने पर चंद्रयान -4, जिसे 2028 से पहले लॉन्च किया जाना है, भारत को चंद्रमा की सतह से नमूने वापस लाने वाला चौथा देश बना देगा.
क्या होगा इस चंद्रमा मिशन का काम?
राष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान संगोष्ठी में इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ की हाल ही में दिए प्रेजेंटेशन के अनुसार, मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से नमूने इकट्ठा करना है और वैज्ञानिक अध्ययन के लिए नमूनों को सुरक्षित रूप से पृथ्वी (भारत) पर वापस लाना है. इसको लेकर इसरो के वैज्ञानिक काफी उत्साहित हैं.
इस चंद्रयान में जाएंगे 4 माड्यूल
पिछले चंद्रमा मिशनों के अलावा, जिसमें 2-3 मॉड्यूल शामिल थे, चंद्रयान -4 मिशन में पांच अंतरिक्ष यान मॉड्यूल शामिल होंगे. प्रेजेंटेशन में कहा गया है कि ये प्रोपल्शन मॉड्यूल, डिसेंडर मॉड्यूल, एसेंडर मॉड्यूल, ट्रांसफर मॉड्यूल और री-एंट्री मॉड्यूल शामिल हैं.