असम में एक खदान में फंसे 4 मजदूरों के शव बरामद किए गए हैं, जबकि अब भी 5 अन्य मजदूर खदान के भीतर फंसे हुए हैं. इन्हें बचाने के लिए राहत और बचाव अभियान तेजी से जारी है. घटना असम के तिनसुकिया जिले में स्थित एक अवैध कोयला खदान की बताई जा रही है, जहां अचानक हुए भूस्खलन के कारण मजदूर फंस गए थे.
सामने आ रही रिपोर्टस की मानें तो मजदूर खदान में कोयला निकालने का काम कर रहे थे, तभी खदान की छत का हिस्सा ढह गया. यह घटना इतनी अचानक हुई कि मजदूरों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिल पाया. राहत दल ने मौके पर पहुंचकर तुरंत बचाव कार्य शुरू किया. अब तक चार मजदूरों के शव खदान से निकाले जा चुके हैं, जबकि बाकी पांच मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है.
स्थानीय प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह खदान अवैध थी या इसे संचालित करने की अनुमति दी गई थी. अधिकारियों के अनुसार, खदान में सुरक्षा मानकों की अनदेखी और लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है. इस घटना ने राज्य में अवैध खनन की समस्या को एक बार फिर उजागर कर दिया है, जो कई मजदूरों की जान जोखिम में डाल रहा है.
राहत और बचाव कार्य में पुलिस, आपदा प्रबंधन दल और स्थानीय प्रशासन जुटा हुआ है. बचाव अभियान के दौरान भारी मशीनों और उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके. हालांकि, खदान के भीतर की स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है, जिससे अभियान में देरी हो रही है. राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की है और घायलों को हरसंभव मदद उपलब्ध कराने का वादा किया है.
#WATCH | असम | भारतीय सेना और NDRF की संयुक्त बचाव टीम ने आज दीमा हसाओ जिले के 3 किलो उमरंगसो क्षेत्र में जलमग्न कोयला खदान से चौथा शव बरामद किया है। pic.twitter.com/DgfkQ4I8lt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 11, 2025
अगर इस कोयला खदान की बात करें तो असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा सरमा ने इसको लेकर बड़ा खुलासा किया है. उनका कहना है कि इस खदान को 12 साल पहले ही बंद कर दिया गया था. हालांकि, बाद में उन्होंने बताया कि ये कोई अवैध खदान नहीं थी, बल्कि एक परित्यक्त खदान थी. उस दिन मजदूर पहली बार कोयला निकालने के लिए खदान में घुसे थे.