पुणे जिले के दौंड शहर में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. एक नवजात को प्लास्टिक जार में बंद कर कचरे में फेंक दिया गया, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई. शुरुआत में खबर थी कि 10-12 नवजात कंटेनरों में मिले, लेकिन दौंड पुलिस ने स्पष्ट किया कि केवल एक नवजात एक जार में था, जबकि बाकी कंटेनरों में बायोमेडिकल कचरा था.
पुलिस का बयान
फ्री प्रेस जर्नल से बात करते हुए उपाधीक्षक बापूराव दादास ने कहा, "आज सुबह करीब 9:30 बजे स्थानीय लोगों से हमें घटना की जानकारी मिली. नवजात और शरीर के अंग एक जार में बंद थे, जो जिजामाता नगर के बोरावके नगर में नहर के पास फेंके गए थे." उन्होंने बताया कि केवल एक नर भ्रूण मिला, जबकि अन्य 10 कंटेनरों में आंतें, कैंसरग्रस्त ऊतक और बायोमेडिकल कचरा था. दादास ने कहा, "अन्य अंग गंभीर बीमारियों जैसे स्तन कैंसर के मरीजों के हैं. ऐसा लगता है कि ऊतक हटाए गए और अंग जार में रखे गए. भ्रूण को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. रिपोर्ट मिलने पर आगे की कार्रवाई होगी."
Disturbing! 10-12 dead newborns found in plastic containers, discarded in garbage in Pune’s Daund pic.twitter.com/VNHGbVZRED
— Pune First (@Pune_First) March 25, 2025
जांच के दायरे में अस्पताल
पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि यह हत्या थी, परित्याग था या सिर्फ मेडिकल कचरा. दादास ने कहा, "हम यह पता लगा रहे हैं कि यह बायोमेडिकल कचरा है या नहीं. अगर भ्रूण की चोट से मौत हुई, तो उसी हिसाब से कार्रवाई होगी." दौंड में 7-8 पंजीकृत अस्पतालों की जांच हो रही है, जहां प्रसूति और सर्जरी से जुड़े चिकित्सक काम करते हैं. मामला बीएनएस की धारा 88 और 90 के तहत दर्ज किया गया है.
नेताओं और महिला आयोग की प्रतिक्रिया
बारामती सांसद सुप्रिया सुले ने एक्स पर लिखा, "दौंड के बोरावाके नगर में शिशुओं को कचरे में फेंकने की घटना बेहद जघन्य है. इसकी तुरंत जांच और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है." महाराष्ट्र महिला आयोग ने बताया कि पुलिस ने पंचनामा किया और अस्पताल की जांच शुरू की. आयोग ने कहा, "2020 से अध्ययन के लिए रखे मानव अवशेष गलती से कचरे में फेंके गए. पुलिस को जल्द रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं."