बीजेपी का बड़ा ऑफर भी क्यों ठुकरा रहे शिंदे, BMC चुनाव में कितनी सीटों पर शिवसेना अड़ी, महायुति में क्यों दिख रही दरार?

BMC के आगामी चुनावों से पहले महायुति गठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बीच अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है.

Anuj

मुंबई: बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के आगामी चुनावों से पहले महायुति गठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बीच अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है. दोनों दल अपनी-अपनी राजनीतिक ताकत के आधार पर ज्यादा सीटें चाहते हैं, जिससे बातचीत बार-बार अटक रही है.

भाजपा ने दिया नया प्रस्ताव

जानकारी के अनुसार, BJP ने हाल ही में शिवसेना (शिंदे गुट) को सीटों का एक नया प्रस्ताव दिया है. इस प्रस्ताव के तहत शिवसेना को 90 सीटें देने की बात कही गई है. हालांकि, शिवसेना इस संख्या से संतुष्ट नहीं है. सूत्र बताते हैं कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अभी भी लगभग 20 से 25 अतिरिक्त सीटों की मांग कर रहे हैं. इसी कारण गठबंधन के भीतर खींचतान लगातार बनी हुई है.

भाजपा ने 90 सीटों का दिया ऑफर

बताया जाता है कि महायुति की पहली बैठक में शिवसेना ने 125 सीटों की मांग रखी थी. उस समय BJP ने केवल 52 सीटों का प्रस्ताव दिया था, जिसे शिवसेना ने पूरी तरह खारिज कर दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच एक अहम बैठक हुई. इस बैठक के बाद BJP ने अपना रुख थोड़ा नरम करते हुए सीटों की संख्या बढ़ाकर 90 कर दी. इसके बावजूद शिवसेना सहमत नहीं हुई. पहले 123 सीटें मांगने वाले शिंदे ने अब अपनी मांग घटाकर 112 सीटें कर दी हैं, लेकिन फिर भी दोनों दलों के बीच सहमति नहीं बन सकी है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में देवेंद्र फडणवीस और शिंदे के बीच बातचीत का एक और दौर हो सकता है.

भाजपा का सख्त रूख

BJP का रुख इस बार काफी सख्त नजर आ रहा है. इसकी एक बड़ी वजह हाल ही में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी का शानदार प्रदर्शन है. BJP ने 117 नगर पालिका अध्यक्ष पदों पर जीत हासिल की है. इसके मुकाबले शिंदे गुट की शिवसेना को 53 और अजित पवार गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को 37 अध्यक्ष पद मिले हैं. इसी मजबूत प्रदर्शन के आधार पर BJP खुद को ज्यादा मजबूत स्थिति में मान रही है और ज्यादा सीटें देने के मूड में नहीं दिख रही.

NCP की भूमिका को लेकर भी स्थिति साफ नहीं

वहीं, महायुति में NCP की भूमिका को लेकर भी स्थिति साफ नहीं है. अजित पवार की NCP मुंबई में गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी या नहीं, इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है. अगर NCP महायुति के साथ BMC चुनाव लड़ती है, तो मौजूदा सीट बंटवारे के फार्मूले में फिर से बदलाव करना पड़ेगा. NCP नेता सुनील तटकरे का कहना है कि अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल के मुंबई आने के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा.

नवाब मलिक बने मुसीबत?

महायुति के लिए एक और बड़ी परेशानी NCP नेता नवाब मलिक को लेकर है. नवाब मलिक पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े गंभीर आरोप हैं. BJP ने साफ कर दिया है कि वह नवाब मलिक के साथ चुनाव नहीं लड़ेगी. मुंबई BJP अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा है कि अगर NCP गठबंधन में शामिल होना चाहती है, तो उसे नवाब मलिक के बजाय कोई दूसरा चेहरा आगे करना होगा और सीमित सीटों पर ही समझौता करना पड़ेगा.

15 जनवरी को होगा मतदान

BMC चुनाव की तैयारियां तेज हो चुकी हैं. मतदान 15 जनवरी को होगा और मतगणना 16 जनवरी को की जाएगी. नामांकन प्रक्रिया 23 दिसंबर 2025 से शुरू हो चुकी है. BMC में कुल 227 वार्ड है.