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'BJP की सोच कौरवों वाली, सरकार गिराना इनके खून में शामिल...', जमकर बरसे राजीव शुक्ला

Rajiv Shukla India Manch: कांग्रेस के नेता राजीव शुक्ला ने हिमाचल प्रदेश में हुई राजनीतिक उठापटक के लिए बीजेपी को जिम्मेदार बताता है और कहा है कि उसकी सोच कौरवों वाली है. उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस को जीत न मिली हो लेकिन सरकार ढीली पड़ी हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी की सरकार में जमीन आसमान का अंतर है क्योंकि अब कोई विपक्ष से बात ही नहीं करता है.

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Edited By: India Daily Live
Rajiv Shukla
Courtesy: IDL

पूर्व पत्रकार, खेल प्रशासक और राजनेता राजीव शुक्ला को अपने बेहतर संबंधों के लिए जाना जाता है. इंडिया डेली लाइव के इंडिया मंच पर आए राजीव शुक्ला ने कहा कि रिश्तों को मेनटेन करने की जरूरत होती है. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधते हुए राजीव शुक्ला ने कहा कि बीजेपी की सोच कौरवों वाली है और उसे किसी दूसरे की सरकार बर्दाश्त नहीं होती है. लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार के पास इतने तंत्र थे जिससे लड़ने के लिए यह गठबंधन बनाया गया. राजीव शुक्ला ने कहा कि उसी का नतीजा है कि हम भले ही सरकार में नहीं आए हैं लेकिन विपक्ष बुलंद है और सरकार ढीली पड़ी हुई है.

खेल, राजनीति और सिनेमा से अपने संबंधों पर राजीव शुक्ला ने कहा कि इसमें कोई बुराई तो है नहीं कि सबसे संबंध हों और आप सक्रिय रहेंगे, घर में नहीं बैठेंगे और लोगों से मिलेंगे तो संबंध तो बनेंगे ही. उन्होंने यह भी कहा कि रिश्ता मेनटेन करने की चाहत होनी चाहिए. मौजूदा राजनीति पर राजीव शुक्ला ने कहा कि अगर हम एकजुट नहीं होते तो गलती करते. उन्होंने कहा, 'हमें गठबंधन सरकार चलाने का अनुभव है. हमें कोई दिक्कत नहीं है.'

हर क्षेत्र में दिखने के सवाल पर राजीव शुक्ला ने कहा, 'धीरे-धीरे आप सब सीख जाते हैं. ईश्वर की कृपा है कि मुझसे सब ठीक होता गया.' पिछले दिनों हिमाचल में उठे राजनीतिक संकट पर राजीव ने कहा, 'समस्या क्या था कि हम जो जीते तो 40 विधायकों के बहुमत के साथ जीते लेकिन बीजेपी की समस्या ये है कि हम किसी को राज करने नहीं देंगे. कौरवों की समस्या भी यही थी कि हम दूसरों को कुछ नहीं देंगे, हम पांडवों को पांच गांव भी नहीं देंगे. सब जगह हम ही राज करेंगे. इसी लालच में इन लोगों ने हिमाचल के एमएलए को तोड़ा. कई ऐसे विधायक थे जिनका राजनीतिक भविष्य अच्छा हो सकता था लेकिन सब हार गए और इनके करियर चौपट हो गए.'


'इनके खून में सरकार गिराना शामिल है'

जोड़-तोड़ की राजनीति पर पूछे गए सवाल राजीव शुक्ला ने कहा, 'मनमोहन सिंह की 10 साल सरकार थी, बताओ उन्होंने किसके सांसद तोड़ लिए. इन्होंने हमेशा चलती हुई सरकार गिराने की कोशिश की. इनके खून में शामिल हो गया है कि किसी की सरकार चल रही हो तो उसे गिराओ.' राजनीति में बढ़ती कटुता के सवाल पर राजीव शुक्ला ने कहा, 'ऐसा नहीं होना चाहिए. उस समय पर अरुण जेटली और सुषमा स्वराज जैसे लोग थे जो विपक्ष से बात करते थे. अब ऐसा होता ही नहीं है. मैं खुद संसदीय कार्यमंत्री रहा हूं. विपक्ष से बात करने की जिम्मेदारी सरकार की होती है. मुझसे प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि वही सफल संसदीय मंत्री होता है जो सत्ता पक्ष से ज्यादा विपक्ष के लोगों के साथ बैठा दिखे.'

अटल vs मोदी सरकार का अंतर बताते हुए राजीव शुक्ला ने कहा, 'दोनों में जमीन आसमान का अंतर है. वाजपेयी जी किसी भी गड़बड़ काम में शामिल नहीं होते थे. सोनिया जी से भी उनका बहुत अच्छा रिश्ता था. आज भी विपक्ष उनका सम्मान करता है. विपक्ष गडकरी जी की खूब तारीफ करता है.'