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Bihar Caste Census: पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार के पक्ष में सुनाया फैसला, जाति आधारित जनगणना पर लगी रोक हटी

Caste Census: जातिगत जनगणना मामले में पटना हाई कोर्ट में बिहार सरकार की जीत हुई है. कोर्ट ने जातिगत जनगणना के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Bihar Caste Census: पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार के पक्ष में सुनाया फैसला, जाति आधारित जनगणना पर लगी रोक हटी

नई दिल्ली. Bihar: पटना हाई कोर्ट में बिहार सरकार की बड़ी जीत हुई है. कोर्ट ने जाति आधारित जनगणना के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है. अब नीतिश सरकार बिहार में जातीय आधारित जनगणना करवा सकेगी.

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पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की पीठ ने जाति आधारित जनगणना के मसले पर नीतिश सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है. याचिका में जातिगत जनगणना रोकने की मांग की गई थी. लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.

सरकार के पक्ष में आया फैसला
हाई कोर्ट में दायर 6 अलग-अलग याचिकाओं में बिहार में जातीगत जनगणना पर रोक लगाने की मांग की गई थी. इस मामले में कोर्ट में कई दिनों तक सुनवाई चली. इसकी बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद करीब 25 दिनों बाद अपना फैसला सुनाया है.

बिहार में जातचीय सर्वेक्षण चलता रहेगा. सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया कि योजनाओं का लाभ लेने के लिए लोग अपनी जाति बताने के लिए उत्सुक रहते हैं.

वहीं इस मामले में याचिका दायर करने वालों का कहना था कि जातीय जनगणना कराने का अधिकार केन्द्र सरकार के पास है. इसे राज्य सरकार नहीं करा सकती है. अगर बिहार सरकार ऐसा करती है तो यह आम नागरिकों के निजता के अधिकार का हनन होगा.

सुनवाई के दौरान कोर्ट में बिहार सरकार की ओर से कहा गया कि यह सर्वेक्षण है. इसका मकसद सिर्फ आम लोगों के बारे में सामाजिक अध्ययन करके आंकड़े जुटाना है. इन आंकड़ो का उपयोग लोक कल्याण के हितों के लिए किया जाएगा. 

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