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यूसुफ पठान ने दुनिया भर में पाकिस्तान के प्रोपेंगेंडा को नाकाम करने वाले डेलिगेशन से नाम लिया वापस, TMC ने केंद्र पर फोड़ा ठीकरा

TMC के एक नेता के अनुसार, रिजिजू ने सबसे पहले तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा नेता सुदीप बंदोपाध्याय से प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के लिए संपर्क किया था. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए विनम्रतापूर्वक मना कर दिया. सरकार ने आगे बढ़कर किसी अन्य तृणमूल नेता से परामर्श किए बिना यूसुफ पठान के नाम की घोषणा कर दी.

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Edited By: Mayank Tiwari
Lok Sabha MP Yusuf Pathan
Courtesy: X@iamyusufpathan

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद और पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान ने सोमवार (19 मई) को उस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से अपना नाम वापस ले लिया जो ऑपरेशन सिंदूर पर भारत के रुख को दुनिया भर में फैलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय राजधानियों का दौरा करेगा. तृणमूल अब तक प्रतिनिधिमंडल से अपने सांसद को वापस लेने वाली एकमात्र पार्टी है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टीएमसी के दो नेताओं का कहना है कि, पार्टी ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि सरकार ने पार्टी से परामर्श किए बिना सीधे टीएमसी सांसद को मनोनीत कर दिया.

सरकार TMC के प्रतिनिधि पर कैसे फैसला कर सकती है?

वहीं,  सोमवार (19 मई) को कोलकाता एयरपोर्ट पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, "केंद्र सरकार तृणमूल के प्रतिनिधि पर कैसे फैसला कर सकती है. सबसे पहले सरकार को विपक्ष के साथ बैठकर चर्चा करके तय करना चाहिए था कि कौन सी पार्टी किसे प्रतिनिधि के तौर पर भेजेगी? ये बात बीजेपी कैसे तय कर सकती है कि टीएमसी किस प्रतिनिधि को भेजेगी? तृणमूल बैठक का बहिष्कार नहीं कर रही है? तृणमूल एकमात्र पार्टी है जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले का राजनीतिकरण नहीं किया है."

जानिए कांग्रेस ने क्या कहा?

इस बीच कांग्रेस ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार सुबह पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे से बात की और दोपहर तक लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चार नामों के साथ जवाब लिखा. जिसमें पूर्व मंत्री आनंद शर्मा, लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई, राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन और लोकसभा सांसद राजा बरार का नाम शामिल था.

लेकिन शनिवार रात को रिजिजू द्वारा जारी की गई अंतिम सूची में गोगोई, हुसैन या बरार का नाम नहीं था. इसके बजाय, पूर्व केंद्रीय मंत्री थरूर, मनीष तिवारी और सलमान खुर्शीद और फतेहगढ़ के सांसद अमर सिंह - जिन्हें पार्टी ने नामित नहीं किया था. उनका नाम शामिल था. हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व ने मुद्दे की अहमियत को देखते हुए अपने नेताओं को प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने की अनुमति दी.

कांग्रेस ने BJP पर "सस्ते राजनीतिक खेल" खेलने का लगाया आरोप  

हालांकि, पार्टी ने सरकार पर "पूर्ण निष्ठाहीनता" और "सस्ते राजनीतिक खेल" खेलने का आरोप लगाया, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को स्पष्ट करने के लिए विश्व की राजधानियों में भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडलों के लिए उसके चार प्रत्याशियों में से केवल एक - आनंद शर्मा - को ही चुना गया.

रिजिजू ने सबसे पहले सुदीप बंदोपाध्याय से किया था संपर्क

तृणमूल के एक नेता के अनुसार, रिजिजू ने सबसे पहले तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा नेता सुदीप बंदोपाध्याय से प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के लिए संपर्क किया था. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए विनम्रतापूर्वक मना कर दिया. सरकार ने आगे बढ़कर किसी अन्य तृणमूल नेता से परामर्श किए बिना यूसुफ पठान के नाम की घोषणा कर दी. बता दें कि, पठान बहरामपुर से पहली बार सांसद हैं, जहां उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के दिग्गज अधीर रंजन चौधरी को हराया था.