Ayodhya ke Ram: अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का निर्माण अब अंतिम चरण में चल रहा है. राम मंदिर के निर्माण में इंजीनियरिंग की संरचना भी अद्भुत है. राममंदिर में 14 मीटर की गहरी नींव डाली गई है जो पत्थरों की चट्टान से बनाई गई है. खास बात यह है कि राम मंदिर पर किसी भी मौसम का कोई असर नहीं पड़ेगा.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इस बात को लेकर दावा किया है कि सरयू की बाढ़ आने के बाद भी राम मंदिर पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बाढ़ की स्थिती में भी राम मंदिर पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. उन्होंने कहा कि राम मंदिर के चौखट की ऊंचाई सरयू तल से 107 मीटर है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया को बताया कि जिस जगह पर पीएम मोदी ने राम मंदिर के लिए भूमिपूजन किया था उस जगह की ऊंचाई सरयू तल से 105 मीटर है. चंपत राय के अनुसार रडार सर्वे के बाद यह तय हुआ था कि गर्भगृह स्थल पर भारी मात्रा में मलबा जमा है, जिसे हटाने का फैसला लिया गया है.
गर्भगृह स्थल से मलबा हटाने के लिए 40 फीट तक खुदाई की गई लेकिन 30 फीट तक खुदाई होते ही वहां प्राकृतिक मिट्टी मिलने लगी थी. 30 फीट की गहराई में ही प्राकृतिक मिट्टी मिलने के बाद 40 फीट तक ही खुदाई की गई. हालांकि, मिट्टी का समतलीकरण 42 फीट तक किया गया है. इसके बाद अब राम मंदिर की चौखट और सरयू तल के बीत 107 मीटर की ऊंचाई.
रामजन्म भूमि परिसर का पूरा क्षेत्र 70 एकड़ का है, जिसमें से 30% हिस्से में मंदिर का निर्माण हो रहा है बाकी बचे 70 फीसदी क्षेत्र हरा भरा होगा. राम जन्मभूमि परिसर में दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के साथ साथ एक पॉवर स्टेशन बनाया गया है. राम मंदिर में दिव्यांगजन, वृद्धजन की सुविधा के लिए मंदिर में 2 लिफ्ट भी लगाई जाएगी.