Ayodhya Ke Ram: अयोध्या (Ayodhya) में बन रहे भव्य और दिव्य राम मंदिर (Ram Temple) को लेकर पूरे देश में उत्साह है. 22 जनवरी को मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह होना है. ऐसे समय में हर कोई अपने-अपने तरीके से इसमें अपना योगदान दे रहा है. गुजरात (Gujarat) भी इससे पीछे नहीं है और यहां से भी भगवान राम के नवनिर्मित मंदिर के लिए अहम योगदान दिया जा रहा है. मंदिर की वस्तुकला डिजाइन शिल्पकाम, ध्वज दंड, स्वर्ण तख्त, नगाड़ा, विशाल अगरबत्ती, अजय बाण, भव्य दीपक सहित कई सामर्ग्रियां अयोध्या पहुंची हैं.
इसी क्रम में राम मंदिर में लगने वाले शिलालेख भी वडोदरा से अयोध्या पहुंच गए हैं. इन शिलालेखों में मंदिर का इतिहास और वर्तमान दर्ज किया गया है. वडोदरा शहर में 12 शिलालेख बनाए गए हैं. 5 फीट लंबे और 3 फीट चौड़े इन शिलालेखों पर मंदिर निर्माण की पूरी रूपरेखा दर्ज की गई है. बंशीपुर पहाड़ से निकले पत्थरों पर ये शिलालेख बनाए गए हैं. इन शिलालेखों में 6 पर अंग्रेजी में और 6 पर हिंदी में इतिहास अंकित किया गया है. 96 घंटे लगातार काम करने के बाद ये शिलालेख तैयार किए गए हैं.
शिलालेखों में लेखनी के लिए कंप्यूटर के माध्यम से फॉट तैयार किए गए. 0.5 की गहराई में अक्षर अंकित किए गए हैं और 1000 वर्ष तक ये शिलालेख सुरक्षित रहेंगे. वडोदरा के रहने वाले हिमांशु भलगामिया और धवल भलगामिया ने इन शिलालेखों पर अपनी कला से इतिहास दर्ज किया है. जल्द ही राम मंदिर का इतिहास बता रहे ये शिलालेख राम मंदिर के हॉल की दीवारों पर नजर आएंगे.