यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने संकेत दिया है कि ऐक्सिऑम-4 (एएक्स-4) मिशन के चालक दल, जो वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर तैनात हैं, 14 जुलाई से पहले पृथ्वी पर वापस नहीं लौटेंगे. इस घोषणा के साथ, मिशन कमांडर पेगी व्हिटसन, मिशन पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, और मिशन विशेषज्ञ स्लावोस उज़नांस्की-विस्निएव्स्की और टिबोर कपु की यह अंतरिक्ष यात्रा निर्धारित 14 दिनों की अवधि से अधिक समय तक चलेगी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की ओर से वापसी की तारीख को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
ऐक्सिऑम-4 मिशन अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की भागीदारी देश के लिए गर्व का विषय है. यह मिशन न केवल वैज्ञानिक प्रयोगों और अनुसंधान को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी मजबूत कर रहा है. चालक दल आईएसएस पर विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों, तकनीकी परीक्षणों और अंतरिक्ष अनुसंधान से संबंधित कार्यों में संलग्न है.
ईएसए के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि मिशन की अवधि बढ़ने का कारण तकनीकी या परिचालन आवश्यकताएं हो सकती हैं, हालांकि इस बारे में विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है. इसरो की ओर से भी कोई स्पष्ट बयान न आने से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मिशन की अवधि बढ़ने का निर्णय अंतरिक्ष स्टेशन पर चल रहे कार्यों की प्रगति और अन्य कारकों पर निर्भर हो सकता है.
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर दसवें दिन, शुक्ला ने अंकुरण परियोजना पर काम किया, जहां उन्होंने पेट्री डिश में बीज डाले और उन्हें -80 डिग्री के प्रयोगशाला फ्रीज़र में रखा ताकि यह अध्ययन किया जा सके कि सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण अंकुरण और पौधों के शुरुआती विकास को कैसे प्रभावित करता है. एक्सिओम स्पेस के एक बयान में कहा गया है, पृथ्वी पर लौटने के बाद, बीजों को कई पीढ़ियों तक उगाया जाएगा ताकि उनके आनुवंशिकी, सूक्ष्मजीवी पारिस्थितिकी तंत्र और पोषण संबंधी प्रोफाइल में बदलावों की जाँच की जा सके.