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India Daily

एक डिवाइस से मालामाल हुई इंडियन रेलवे, बिना टिकट यात्रियों से कमा लिए 1,800 करोड़

भारतीय रेलवे ने टिकट चेकिंग को तकनीक से मजबूत बनाते हुए FY 2024-25 में बिना टिकट और गलत टिकट यात्रियों से 1,781 करोड़ रुपये की वसूली की.

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Edited By: Reepu Kumari
IRCTC Indian Railways Earns Rs 1781 Crore from Ticketless Travel Using HHT Devices.
Courtesy: GEMINI and Pinterest

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे की कमाई का बड़ा हिस्सा टिकट बुकिंग से आता है, लेकिन बिना टिकट यात्रा हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है. अब रेलवे ने इस समस्या से निपटने के लिए तकनीक का सहारा लिया है. वित्त वर्ष 2024-25 में रेलवे ने बिना टिकट, गलत टिकट और अतिरिक्त सामान के मामलों में रिकॉर्ड वसूली दर्ज की है, जिससे यह साफ है कि नियमों को सख्ती से लागू किया जा रहा है.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, इस दौरान कुल 1,781 करोड़ रुपये की पेनाल्टी वसूली गई. टिकट चेकिंग स्टाफ को दिए गए हैंड-हेल्ड टर्मिनल ने पुराने पेपर चार्ट सिस्टम की जगह ले ली है. इससे न सिर्फ जांच तेज हुई है, बल्कि मानवीय गलतियों में भी काफी कमी आई है.

बिना टिकट यात्रा पर कितना जुर्माना

रेलवे एक्ट 1989 के तहत बिना टिकट या गलत टिकट पर यात्रा करना अपराध है. ऐसे मामलों में यात्री को तय किराये के साथ कम से कम 250 रुपये की पेनाल्टी देनी होती है. उदाहरण के तौर पर, पटना से बक्सर तक बिना टिकट पकड़े जाने पर 100 रुपये किराया और 250 रुपये जुर्माना देना पड़ता है.

क्यों बढ़ती है बिना टिकट यात्रा

रेल मंत्री ने बताया कि सीटों की मांग और उपलब्धता के बीच अंतर बिना टिकट यात्रा की बड़ी वजह है. त्योहारों और छुट्टियों के दौरान ट्रेनों में भीड़ बढ़ जाती है. इसी को देखते हुए रेलवे अतिरिक्त ट्रेनें और कोच जोड़कर दबाव कम करने की कोशिश कर रहा है.

स्पेशल ट्रेन और नए कोच की पहल

यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 2025-26 में नवंबर तक करीब 60,000 स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया. इसके साथ ही 700 से ज्यादा कोच स्थायी रूप से जोड़े गए. इस दौरान 28 वंदे भारत और 26 अमृत भारत एक्सप्रेस भी शुरू की गईं.

HHT डिवाइस से बदली टिकट चेकिंग

रेलवे ने 30,000 से ज्यादा हैंड-हेल्ड टर्मिनल दिए हैं. टैबलेट जैसे दिखने वाले ये डिवाइस डिजिटल रिजर्वेशन चार्ट डाउनलोड कर तुरंत टिकट जांच की सुविधा देते हैं. इससे पेनाल्टी वसूली आसान हुई और प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी बनी.

पिछले वर्षों का वसूली रिकॉर्ड

रेलवे ईयर बुक के अनुसार FY24 में 5.39 लाख जांच अभियानों में 361 लाख मामले पकड़े गए और 2,232 करोड़ रुपये वसूले गए. FY23 में यह आंकड़ा 2,260 करोड़ और FY22 में 1,575 करोड़ रुपये रहा, जो लगातार सख्ती को दर्शाता है.