Amarwara By Election: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा से चुनाव जीतकर आए कांग्रेस विधायक कमलेश शाह ने कमलनाथ का साथ छोड़ा भाजपा का दामन थाम लिया था. इस कारण अब इस सीट पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. इसमें कांग्रेस और कमलनाथ की कोशिश है कि वो बैलेंस बनाने के लिए यहां से धीरन शाह इनवाती को प्रत्याशी बनाया है. आइये जानें धीरन शाह इनवाती कौन हैं और कांग्रेस ने इनपर दाव क्यों लगाया है. क्या इनके चेहरे पर कांग्रेस अपनी साख बचा पाएगी.
अमरवाड़ा में 10 जुलाई विधानसभा उपचुनाव होने हैं. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले जब नकुल नाथ और कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की चर्चा जोरों पर थी. इस बीच कई कांग्रेसियों ने कमलनाथ का हाथ छोड़ दिया था. इसमें अमरवाड़ा से तीन बार विधायक रहे कमलेश शाह भी शामिल थे. ऐसे में अब इस क्षेत्र को उप चुनाव का सामना करना करना पड़ रहा है.
कांग्रेस धीरन शाह इनवती पर दांव लगाया है. यह चुनाव यह निर्धारित करेगा कि नाथ परिवार छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर हार के बाद वापसी कर सकता है या नहीं. इनवती से आस इसलिए भी है क्योंकि वो अंचलकुंड धाम के प्रमुख सुखराम दादा के बेटे हैं. अंचलकुंड धाम लोकप्रिय आदिवासी हिंदू मंदिर है.
अंचलकुंड धाम की स्थापना करीब 200 साल पहले हुई थी. यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं और यहां उनकी आस्था है. इसी कारण राजनीतिक रूप से भी अंचलकुंड धाम काफी पॉपुलर रहा है. 1980 में अपने पहले चुनाव के प्रचार से पहले कमल नाथ ने इस स्थल का दौरा किया था. इसके बाद पिछले साल अमित शाह ने आंचल कुंड दादा दरबार में पहुंचे थे. माना जाता है यहां आने वालें को आदिवासियों का साथ मिलता है.
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) ने यहां से देवीराम भलावी को उतारा है. इनके पास भी आदिवासी वोटों हैं. 2003 में जीजीपी ने यह सीट जीती भी थी. ऐसे में मुकाबला इस बार त्रिकोणीय होता जा रहा है. क्योंकि, BJP ने यहां से विधायक रहे कमलेश शाह को ही मैदान में उतारा है. सियासी जानकारों की मानें तो यहां कांग्रेस और जीजीपी की लड़ाई में फायदा BJP को मिल सकता है.