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'दिवाली पर हिंदुओं से ही खरीदें सामान', विधायक की टिप्पणी से नाराज हुए डिप्टी सीएम, जारी होगा नोटिस

महाराष्ट्र में दिवाली पर खरीददारी को लेकर एनसीपी विधायक संग्राम जगताप के विवादित बयान ने सियासी हलचल पैदा कर दी है. उन पर आरोप है कि उन्होंने लोगों से अपील की थी कि वे दिवाली की खरीदारी केवल हिंदू दुकानदारों से करें.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Ajit Pawar
Courtesy: social media

Uproar in Maharashtra over MLA's statement: दिवाली के त्योहार से पहले महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर धार्मिक बयानबाजी का मुद्दा गर्मा गया है. एनसीपी (अजित पवार गुट) के विधायक संग्राम जगताप के कथित बयान 'दिवाली की खरीदारी सिर्फ हिंदू दुकानदारों से करें' ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है.

अब खुद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस विवाद पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए जगताप के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने की बात कही है.

पवार का सख्त रुख

अजित पवार ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी की विचारधारा धर्मनिरपेक्षता पर आधारित है और किसी भी नेता को ऐसा बयान देने का अधिकार नहीं है जो सामाजिक सद्भाव को ठेस पहुंचाए. पवार ने कहा, 'यह बयान पूरी तरह गलत है. पार्टी की नीतियां और उद्देश्य पहले से तय हैं, ऐसे में किसी विधायक को इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. पार्टी इसे कतई स्वीकार नहीं करेगी.' उन्होंने स्पष्ट किया कि विधायक जगताप को जल्द ही कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा ताकि उनसे स्पष्टीकरण मांगा जा सके.

दिवाली शॉपिंग को लेकर बयान

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, संग्राम जगताप ने एक स्थानीय कार्यक्रम में कहा था कि 'लोगों को दिवाली की खरीदारी केवल हिंदू दुकानदारों से करनी चाहिए.' इस बयान के सामने आने के बाद विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने इसे सांप्रदायिकता फैलाने वाला बताया. हालांकि, जगताप की ओर से इस बयान को गलत संदर्भ में पेश करने का दावा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य स्थानीय छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहित करना था, किसी धर्म विशेष को निशाना बनाना नहीं.

अहमदनगर की राजनीति में बढ़ी हलचल

संग्राम जगताप अहिल्यानगर (अहमदनगर) विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली नेता माने जाते हैं और कई वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं. अजित पवार ने इस संदर्भ में कहा, 'जब तक अरुणकाका जगताप (संग्राम के पिता) जीवित थे, तब तक सब कुछ ठीक था. अब हमें लगता है कि कुछ लोगों को यह समझने की जरूरत है कि पिता की छत्रछाया न रहने पर जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है.'

दिवाली से पहले नया सियासी मोर्चा

महाराष्ट्र में हर त्योहार के मौके पर राजनीतिक बयानबाजी नई बहस छेड़ देती है. दिवाली के अवसर पर आया यह विवाद भी उसी कड़ी का हिस्सा बन गया है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अजित पवार का यह सख्त रुख न केवल पार्टी की छवि को बचाने का प्रयास है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि एनसीपी गुट धार्मिक ध्रुवीकरण से दूरी बनाए रखना चाहता है. वहीं, विपक्ष इस विवाद को लेकर सरकार पर निशाना साधने की तैयारी में है.