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India Daily

पहले किडनैप कर बिटक्वाइन में की करोड़ों की फिरौती, अब गुजरात के पूर्व MLA और SP समेत 14 को मिला आजीवन कारावास; जानें क्यों?

इस फैसले ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संदेश दिया है. दरअसल, सीआईडी द्वारा की गई जांच में पाया गया कि पीड़ित भट्ट ने सूरत स्थित एक कंपनी में बिटकॉइन में भारी रकम का निवेश किया था, जिसने 'अचानक अपना 8000 करोड़ रुपये का कारोबार बंद कर दिया.'

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Edited By: Mayank Tiwari
Former BJP MLA Nalin Kotadiya
Courtesy: x

गुजरात के एक स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार (29 अगस्त) को भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए 2018 के बिटकॉइन अपहरण और उगाही मामले में 14 लोगों को दोषी ठहराया. इनमें पूर्व बीजेपी विधायक नलिन कोटडिया, अमरेली के पूर्व एसपी जगदीश पटेल और नौ पुलिस कांस्टेबल शामिल हैं. 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के स्पेशल जज (एंटी-करप्शन ब्यूरो) भरत भास्करभाई जादव ने कहा, "यह समय की मांग है कि सार्वजनिक सेवकों और प्राइवेट व्यक्तियों में फैला भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार किया जाए." इसके लिए दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई.

जानिए क्या है पूरा मामला?

दोषी ठहराए गए पूर्व विधायक नलिन कोटडिया (56), जो 2012 से 2017 तक धारी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके थे, और अन्य आरोपियों ने सूरत के कारोबारी शैलेश भट्ट का अपहरण कर 200 बिटकॉइन (लगभग 12 करोड़ रुपये) की उगाही की थी. सीआईडी (क्राइम) की जांच में खुलासा हुआ कि भट्ट स्वयं एक बहु-करोड़ बिटकॉइन धोखाधड़ी में शामिल थे. उन्होंने सूरत की एक कंपनी में भारी निवेश किया था, जो 8000 करोड़ रुपये के व्यवसाय को अचानक बंद कर चुकी थी. 

जांच में यह भी सामने आया कि भट्ट ने आयकर अधिकारी बनकर सूरत के धवल मवानी से 2,256 बिटकॉइन (145 करोड़ रुपये से अधिक) की उगाही की थी. मवानी एक पोंजी-जैसी स्कीम चलाने वाली बिटकॉइन कंपनी का संचालक था, जिसने सैकड़ों व्यवसायियों को ठगा था.

पुलिस और विधायक की मिलीभगत

सीआईडी की जांच से पता चला कि कोटडिया, तत्कालीन अमरेली पुलिस अधीक्षक, पुलिस इंस्पेक्टर जगदीश पटेल, नौ कांस्टेबल और एक वकील केतन पटेल ने भट्ट की धोखाधड़ी का पता चलने पर उससे उगाही की साजिश रची. इस गिरोह ने गांधीनगर में भट्ट का अपहरण किया. भट्ट ने बाद में गृह विभाग में शिकायत दर्ज की, जिसके बाद सीआईडी (क्राइम) को जांच सौंपी गई.

अदालत का सख्त रुख: भ्रष्टाचार पर चोट

अदालत ने अपने फैसले में कहा, "भ्रष्टाचार न केवल समाज के नैतिक ताने-बाने को प्रभावित करता है, बल्कि देश की आर्थिक स्थिरता और प्रगति को भी नष्ट करता है." अदालत ने 25 गवाहों के मुकरने पर भी कड़ा रुख अपनाया, जो मजिस्ट्रेट के सामने बयान देने के बाद मुकदमे में पलट गए.

pp ने इनके खिलाफ झूठी गवाही का मामला दर्ज करने का आदेश दिया. फैसले में कहा गया, "ऐसे गवाहों का रवैया, जो जानबूझकर अपराधियों की मदद करते हैं, कानून की प्रक्रिया में हस्तक्षेप है और यह न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा को धूमिल करता है."