हिमाचल प्रदेश में 20 जून से मानसून सक्रिय है और लगातार हो रही बारिश के कारण पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और सड़क दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं. मंडी जिले में सर्वाधिक 207 सड़कें बंद हैं, वहीं कुल मिलाकर राज्य में 249 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दी गई हैं. मंडी के पंडोह बांध के पास कैची मोड़ पर भूस्खलन से चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग को करीब 10 घंटे तक बंद करना पड़ा. इसके कारण यातायात को कटौला-कामांद वैकल्पिक मार्ग से डायवर्ट किया गया, जिससे इस रूट पर भारी जाम लग गया. अब तक राज्य को करीब 751 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.
राज्य के कई जिलों में शुक्रवार शाम से तेज बारिश हो रही है. मुरारी देवी में 126 मिमी, पंडोह में 79 मिमी, स्लैपर में 67.7 मिमी, मंडी में 53.2 मिमी और भुंतर में 47.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है. सुंदरनगर, मुरारी देवी, भुंतर और कांगड़ा में बारिश के साथ तेज गरज-चमक और हवाएं देखी गईं, जिनकी गति 48 किमी प्रति घंटा तक पहुंची. मौसम विभाग ने प्रदेश के 10 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की है और 18 जुलाई तक येलो अलर्ट रखा है. राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, अब तक 463 बिजली ट्रांसफॉर्मर और 781 जल योजनाएं बारिश के कारण प्रभावित हो चुकी हैं.
हिमाचल के साथ-साथ उत्तराखंड में भी मौसम बिगड़ने के आसार हैं. मौसम विभाग ने ऊधमसिंहनगर, बागेश्वर, पौड़ी, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जहां गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश और आकाशीय बिजली की संभावना जताई गई है. हिमाचल में भूस्खलन की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है. लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा न करें और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहें. जरूरत पड़ने पर स्कूलों की छुट्टियां और यात्रा प्रतिबंध जैसी व्यवस्थाएं फिर लागू की जा सकती हैं.