सीवर साफ करते समय दम तोड़ने वालों के परिवार ने मांगा 4 करोड़ मुआवजा, पोर्ट में हुआ था दर्दनाक हादसा, मछुआरे गुस्से में
तमिलनाडु के तूथुकुडी जिले में सीवर सफाई के दौरान जहरीली गैस से तीन सफाईकर्मियों की मौत हो गई. उन्हें बिना सुरक्षा उपकरण दिए टैंक में उतारा गया था. घटना के बाद मछुआरा गांवों में गुस्सा है और पीड़ित परिवारों की मांग है कि दोषियों की गिरफ्तारी हो और प्रत्येक परिवार को 4 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए.
Tamil Nadu Sewer Accident: तमिलनाडु के तूथुकुडी जिले के पुराने बंदरगाह पर बुधवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें तीन सफाईकर्मियों की मौत हो गई. यह घटना उस समय हुई जब मजदूर एक बजरे यानी बड़े जहाज के बैलेस्ट टैंक की सफाई कर रहे थे. जांच अधिकारियों के मुताबिक, टैंक के निचले हिस्से में जमा जहरीली गैस के कारण तीनों का दम घुट गया और मौके पर ही उनकी मौत हो गई.
मृतकों की पहचान 25 वर्षीय संदीप कुमार निवासी राजस्थान, थूथुकुडी जिले के पुन्नकयाल के 35 वर्षीय जेनिसन थॉमस और तिरुनेलवेली जिले के उवारी के 23 वर्षीय सिरोन जॉर्ज के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि यह बार्ज मुक्ता इन्फ्रा कंपनी का है, जो निर्माण सामग्री श्रीलंका और अंडमान-निकोबार भेजने के लिए बंदरगाह पर खड़ा था.
जहरीली गैस बनी मौत का कारण
अधिकारियों के अनुसार, टैंक में पानी जमा होने के कारण जहरीली गैस बन गई थी. सफाई से पहले टैंक को खोला गया था, ताकि गैस निकल सके, लेकिन मजदूरों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण दिए ही अंदर भेजा गया. पुलिस ने कहा कि तीनों को सुरक्षा किट या मास्क उपलब्ध नहीं कराया गया था. एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि पहला व्यक्ति अंदर गया तो उसकी आवाज बंद हो गई. दूसरा उसे देखने गया और फिर तीसरा. तीनों जहरीली गैस की वजह से वहीं फंसकर जान गंवा बैठे. शवों को पोस्टमार्टम के लिए तूतीकोरिन सरकारी अस्पताल भेजा गया. इस घटना की जांच डिप्टी एसपी मदन के नेतृत्व में की जा रही है. अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
तत्काल गिरफ्तारी की मांग
हादसे के बाद आसपास के मछुआरा गांवों में गुस्सा फैल गया. पन्नाकायल, अलंधलाई, मनप्पाडु और उवारी गांवों के प्रतिनिधियों ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर बजरे के मालिक, कप्तान और जिम्मेदार लोगों पर हत्या का केस दर्ज करने और तत्काल गिरफ्तारी की मांग की. पीड़ित परिवारों ने शव लेने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई और मुआवजे की घोषणा नहीं होती, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. उन्होंने चार-चार करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है, यानी कुल 12 करोड़ रुपये. परिवारों और मछुआरा संगठनों ने मांग की है कि मुआवजा दिए बिना और गिरफ्तारी किए बिना बार्ज को बंदरगाह से निकलने न दिया जाए.
स्थानीय नेताओं ने दी चेतावनी
स्थानीय नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही न्याय नहीं मिला तो विरोध और तेज किया जाएगा. इस हादसे ने एक बार फिर तमिलनाडु के जहाजरानी और बंदरगाह उद्योगों में श्रमिकों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां मजदूर अक्सर बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों के जोखिम भरे काम करने को मजबूर होते हैं.
और पढ़ें
- महाराष्ट्र: पालघर के केमिकल फैक्ट्री में हुआ जोरदार धमाका, 1 मजदूर की मौत, 4 घायल
- PM Modi Gujarat Visit: 20 सितंबर को गुजरात जाएंगे पीएम मोदी, ऑपरेशन सिंदूर और GST पर होगी बात
- Aaj ka Mausam 19 September 2025: मॉनसून का यू-टर्न, दिल्ली में फिर बरसेंगे बादल! यूपी-बिहार में अलर्ट, जानें कैसा रहेगा आज का मौसम