पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने साइबर सुरक्षा के मोर्चे पर अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना किया है. अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 के बीच देश में 36.9 करोड़ साइबर हमलों का पता चला है, यानी औसतन हर मिनट करीब 700 साइबर हमले की कोशिश हुई. इस बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रियों और सरकारी विभागों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है.
पीएम मोदी का कड़ा रुख
हमलों का स्वरूप और प्रभाव
इन साइबर हमलों में हैकिंग, डेटा चोरी, रैनसमवेयर और डिनायल-ऑफ-सर्विस (DoS) हमले शामिल हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, ये हमले महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे, जैसे बिजली, बैंकिंग और रक्षा प्रणालियों को निशाना बना रहे हैं. पहलगाम हमले के बाद भारत की साइबर रक्षा प्रणाली ने कई बड़े हमलों को नाकाम किया, लेकिन खतरा लगातार बढ़ रहा है.
सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
भारत की साइबर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने साइबर हमलों से निपटने के लिए उन्नत तकनीकों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया है. पीएम मोदी ने सरकारी और निजी क्षेत्रों को मिलकर काम करने और साइबर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया है.
आगे की रणनीति
मोदी सरकार ने साइबर सुरक्षा के लिए बजट बढ़ाने और नए साइबर कमांड सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई है. यह कदम भारत को साइबर युद्ध के लिए और मजबूत करेगा.