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India Daily

गुड़गांव में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, जब्त की 10 करोड़ की अवैध शराब

गुड़गांव में आबकारी विभाग ने एक बार पर छापा मारा और वहां से 10 करोड़ की अवैध विदेशी शराब जब्त की है. ये शराब सेक्टर-30 में छापे के दौरान जब्त की गई है.

 Liquor
Courtesy: X

गुड़गांव में हरियाणा आबकारी विभाग और पुलिस ने मिलकर एक बड़ा अभियान चलाया है. सेक्टर-30 इलाके में चल रहे एक लाइसेंसी शराब के ठेके से करीब 10 करोड़ रुपये की अवैध विदेशी शराब बरामद की गई है. 

यह ठेका ‘द ठेका’ के नाम से चल रहा था और ईबोवला क्लब के BYOB भवन से जुड़ा हुआ था. इतनी अधिक मात्रा में अवैध विदेशी शराब मिलने से पुलिस भी हैरान हो गई है.

गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी

मंगलवार दोपहर को आबकारी विभाग को एक गुप्त सूचना मिली कि इस ठेके में बड़ी मात्रा में गैर-कानूनी शराब रखी गई है. सूचना मिलते ही विभाग ने तुरंत एक विशेष टीम बनाई और सेक्टर-30 स्थित दुकान पर छापा मारा.

तलाशी के दौरान ठेके के पीछे बने दो कमरों से 3,921 पेटियां और 176 ढीली बोतलें बरामद हुईं. सभी बोतलों पर जरूरी होलोग्राम और ट्रैक-एंड-ट्रेस स्टीकर नहीं थे, जिससे साफ हो गया कि यह शराब पूरी तरह अवैध है.

ठेके का मालिक फरार

इस ठेके को सुरेंद्र सिंह नाम का व्यक्ति चला रहा था. छापे की खबर लगते ही वह मौके से फरार हो गया. पुलिस और आबकारी विभाग उसकी तलाश कर रहे हैं. आबकारी विभाग के उपायुक्त अमित भाटिया ने बताया कि जब्त शराब की कीमत लगभग 8 से 10 करोड़ रुपये है. 

सरकार को इससे करीब एक करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है, जिसमें करीब 70 लाख रुपये की आबकारी शुल्क और 30 लाख रुपये का वैट शामिल है. जब्त शराब की सारी पेटियां और बोतलें पुलिस ने अपने कब्जे में ले लीं. मंगलवार शाम तक ट्रकों से शराब को सेक्टर-40 थाने ले जाया जाता रहा.

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

छापेमारी के बाद आबकारी विभाग ने सेक्टर-40 पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दी. पुलिस ने तुरंत हरियाणा आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया. जांच के लिए एसीपी (पूर्व) की निगरानी में एक विशेष जांच दल (SIT) भी गठित किया गया है. इस टीम में क्राइम ब्रांच के अधिकारी भी शामिल हैं.

शराब चंडीगढ़ से आई होने का शक

अधिकारियों को शक है कि यह सारी शराब चंडीगढ़ से लाई गई थी. आगे की जांच में टैक्स चोरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. ईबोवला क्लब के अधिकारियों का कहना है कि शराब की दुकान उनके द्वारा नहीं चलाई जा रही थी. उन्होंने इस मामले में ज्यादा कुछ बोलने से इनकार कर दिया.