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केंद्र सरकार देशद्रोही, देशभक्त सोनम वांगचुक को गिरफ्तार करना तानाशाही का प्रतीक: संजय सिंह

संजय सिंह ने इसे तानाशाही का सबूत बताते हुए नया कोण दिया है कि कैसे सरकार शांतिपूर्ण मांगों को कुचल रही है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्र में अशांति का खतरा बढ़ सकता है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
  Sanjay Singh Slams Modi Govt for Arresting Ladakh’s Peaceful Advocate Sonam Wangchuk
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सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर लद्दाख के साथ-साथ देश की राजधानी दिल्ली में भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. शुक्रवार शाम को आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ताओं ने सोनम वांगचुक की फर्जी केस में गिरफ्तारी के विरोध में कैंडल मार्च निकालकर मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता इस मार्च में शामिल हुए. 

सौरभ भारद्वाज ने कपिल मिश्रा का दिया उदाहरण

भारद्वाज ने कहा कि वांगचुक ने कभी हिंसा भड़काने वाला कोई बयान नहीं दिया, फिर भी मोदी सरकार उन्हें देशद्रोही साबित करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने भाजपा नेता कपिल मिश्रा का उदाहरण देते हुए याद दिलाया कि मिश्रा ने भड़काऊ भाषण देकर दंगे कराए, जिनमें कई लोग मारे गए, लेकिन उनके खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

कैंडल मार्च के दौरान सौरभ भारद्वाज ने सोनम वांगचुक की सामाजिक सेवाओं और उनके योगदान को उजागर किया. उन्होंने बताया कि वांगचुक ने लद्दाख के बच्चों को शिक्षा देने और नौकरी की कला सिखाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. भारद्वाज ने कहा कि जब लद्दाख में चीन की घुसपैठ बढ़ रही थी, तब वहां के स्थानीय लोग और चरवाहे अपनी सीमा की रक्षा में आगे आए. उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले पांच वर्षों में लद्दाख के लोगों की मांगों को नजरअंदाज किया गया और अगर कुछ लोगों ने विरोध किया तो सरकार ने सोनम वांगचुक पर एनएसए लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

संजय सिंह ने मोदी सरकार पर बोला हमला

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने वांगचुक को देशभक्त और सरकार को तानाशाह करार दिया. वांगचुक लद्दाख-कारगिल को पूर्ण राज्य का दर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की मांग के लिए गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे थे. उनकी गिरफ्तारी पर एनएसए लगाना और आंदोलन को दबाना जन विद्रोह को जन्म दे सकता है. आम आदमी पार्टी वांगचुक और लद्दाख की जनता के साथ खड़ी है.

लद्दाख की शांत वादियों से उठी आवाज को दबाने की कोशिश ने देश का ध्यान खींचा है. सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं. यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि लद्दाख की जनता के हक की लड़ाई का प्रतीक है. संजय सिंह ने इसे तानाशाही का सबूत बताते हुए नया कोण दिया है कि कैसे सरकार शांतिपूर्ण मांगों को कुचल रही है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्र में अशांति का खतरा बढ़ सकता है.

गांधीवादी की गिरफ्तारी

सोनम वांगचुक, जो शिक्षा और सामाजिक सुधार के लिए लंबे समय से काम कर रहे हैं, को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया. वे लद्दाख से दिल्ली तक पदयात्रा कर सरकार से छठी अनुसूची लागू करने और पूर्ण राज्य की मांग कर रहे थे. संजय सिंह ने कहा कि वांगचुक ने कभी हिंसा का समर्थन नहीं किया. उल्टे, जब आंदोलन हिंसक होने लगा, उन्होंने अनशन तोड़ा और शांति की अपील की. फिर भी, उन पर एनएसए जैसे कठोर कानून का इस्तेमाल हुआ.

लद्दाख की मांगें

वांगचुक की मांगें लद्दाख के लोगों के लिए शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवाएं और पूर्ण राज्य का दर्जा हैं. संजय सिंह ने कहा कि लद्दाख की जनता ने हमेशा देश का साथ दिया, खासकर चीन के खिलाफ. ऐसे में उनकी आवाज दबाना और वांगचुक को देशद्रोही करार देना निंदनीय है. यह कदम सीमावर्ती क्षेत्र में असंतोष को भड़का सकता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है.

सरकार की तानाशाही

संजय सिंह ने मोदी सरकार पर मानसिक दिवालियापन का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वांगचुक की शांतिपूर्ण मांगों को अनसुना कर, उनकी गिरफ्तारी करवाना हिटलरशाही का प्रतीक है. लद्दाख की जनता का आंदोलन दबाने की कोशिश जन विद्रोह को न्योता दे सकती है. वांगचुक ने बच्चों को पढ़ाने और सामाजिक बदलाव के लिए जीवन समर्पित किया, फिर भी उन्हें अपराधी बनाया गया.

लद्दाख का भविष्य

लद्दाख के लोग हमेशा से भारतीय सेना और सरकार के साथ खड़े रहे. संजय सिंह ने चेतावनी दी कि उनकी मांगों को अनदेखा करना और वांगचुक पर अत्याचार करना गलत साबित होगा. आम आदमी पार्टी ने वांगचुक और लद्दाख की जनता के साथ पूरी तरह खड़े होने का ऐलान किया है. यह मामला अब सिर्फ लद्दाख का नहीं, बल्कि लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल बन गया है.