नई दिल्ली: सर्दी का मौसम आते ही शरीर को नए तापमान के साथ तालमेल बिठाना पड़ता है. ठंडी हवा और कम तापमान का असर सीधे पाचन और ब्लड सर्कुलेशन पर पड़ता है. इसी वजह से कई लोगों को मौसम बदलते ही पेट से जुड़ी समस्याएं और कमजोरी महसूस होने लगती है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड की शुरुआत में सावधानी न बरती जाए तो मामूली दिक्कतें गंभीर रूप ले सकती हैं. गलत खानपान, ठंडा पानी और अनियमित दिनचर्या शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देती है, जिससे बीमार पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.
ठंड के मौसम में मेटाबॉलिज्म की गति धीमी हो जाती है. इसका सीधा असर पाचन पर पड़ता है. गैस, अपच और पेट दर्द जैसी समस्याएं इसी वजह से बढ़ती हैं. देर रात भारी भोजन करना या ठंडी चीजों का अधिक सेवन इन दिक्कतों को और गंभीर बना सकता है.
सर्दी में रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे शरीर में रक्त संचार प्रभावित होता है. इसका नतीजा चक्कर आना और थकान के रूप में सामने आता है. सुबह गुनगुना पानी पीना और दिनभर पर्याप्त तरल लेना इस समस्या को काफी हद तक कम कर सकता है.
मौसम बदलते समय वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. कमजोर इम्यूनिटी के कारण उल्टी और मितली की शिकायत हो सकती है. अदरक, तुलसी और शहद का सेवन शरीर को अंदर से गर्म रखता है और संक्रमण से बचाव में मदद करता है.
अजवाइन पेट दर्द और गैस में बेहद फायदेमंद मानी जाती है. हल्की भुनी अजवाइन को गुनगुने पानी के साथ लेने से आराम मिलता है. हल्दी वाला दूध, सूप और गर्म चाय भी सर्दियों में सेहत के लिए लाभकारी होते हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार नियमित दिनचर्या सर्दी में सबसे बड़ा बचाव है. समय पर भोजन, पूरी नींद और हल्की एक्सरसाइज शरीर को मजबूत बनाए रखती है. अगर लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो घरेलू उपायों पर निर्भर रहने के बजाय डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.
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