Tuberculosis Disease: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्यूबरकुलोसिसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इसके 10 प्रमुख लक्षणों की जानकारी दी है. टीबी एक गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया के कारण होती है. यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है, लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों जैसे किडनी, रीढ़ या मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचा सकती है. समय पर पहचान और इलाज से टीबी को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है. आइए जानते हैं मंत्रालय द्वारा बताए गए 10 लक्षण और सावधानियां...
इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो हो सकता है टीबी
लगातार खांसी: दो हफ्ते या उससे अधिक समय तक रहने वाली खांसी, जिसमें बलगम या खून आ सकता है
वजन में कमी: बिना कारण वजन का तेजी से कम होना
रात में पसीना: सोते समय अत्यधिक पसीना आना, खासकर रात में
लगातार बुखार: हल्का या तेज बुखार जो कई दिनों तक बना रहे
थकान: हर समय थकान या कमजोरी महसूस होना
भूख न लगना: खाने की इच्छा कम होना और भोजन से अरुचि
सीने में दर्द: सांस लेने या खांसने के दौरान सीने में दर्द
सांस लेने में तकलीफ: फेफड़ों में इन्फेक्शन के कारण सांस लेने में परेशानी
गांठ या सूजन: लिम्फ नोड्स में सूजन, खासकर गर्दन या बगल में
अन्य अंगों में लक्षण: अगर टीबी फेफड़ों के अलावा किडनी, हड्डियों या मस्तिष्क में फैलती है, तो संबंधित लक्षण जैसे पेशाब में खून या जोड़ों में दर्द दिख सकते हैं.
#TBMuktBharat | लगातार दो हफ़्ते तक खांसी आना और वज़न में कमी होना ये टीबी के संकेत हो सकते हैं। लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें, आज ही जाँच कराएं।
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) May 19, 2025
टीबी का इलाज संभव है, स्वस्थ भविष्य के लिए आज ही कदम उठाएं। अधिक जानकारी के लिए टोल-फ्री नंबर 1800-11-6666 पर कॉल करें। #EndTB… pic.twitter.com/OcTI5TBt9Y
क्या करें?
अगर आपको या आपके किसी परिचित को ये लक्षण दिखें, तो तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराएं. टीबी की जांच और इलाज पूरी तरह मुफ्त है. मंत्रालय ने टीबी हेल्पलाइन नंबर 1800-11-6666 भी जारी किया है, जहां पूरी जानकारी ली जा सकती है.
बचाव के उपाय:
खांसते या छींकते समय मुंह को रुमाल से ढकें
पौष्टिक आहार लें और इम्यूनिटी बढ़ाएं
भीड़भाड़ वाली जगहों पर सावधानी बरतें
समय पर टीबी की जांच और इलाज शुरू करें
भारत सरकार का लक्ष्य 2025 तक देश को टीबी मुक्त करना है. इस अभियान में आपका सहयोग जरूरी है. लक्षणों को नजरअंदाज न करें, समय पर जांच कराएं और स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान दें.