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ठंड में हड्डियों के जकड़न और दर्द से हैं परेशान, आयुर्वेद का यह चमत्कारी पौधा जोड़ों में भरेगा नई जान

सर्दियों में हड्डियों और जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है. आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य बालकृष्ण हरसिंगार पौधे के काढ़े, रस और पेस्ट जैसे उपाय बताते हैं जो सूजन और दर्द कम करने में मदद करते हैं.

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Edited By: Km Jaya
Harsingar Plant India daily
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: सर्दियों में हड्डियों और जोड़ों में दर्द की समस्या आम हो जाती है. ठंड के कारण कई लोगों को चलने फिरने, उठने बैठने और रोजाना के काम करने में कठिनाई होने लगती है. यह समस्या केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही है बल्कि 30 से 35 साल के युवा भी हड्डियों की कमजोरी, जकड़न और दर्द की परेशानी से जूझ रहे हैं. 

इसके पीछे मुख्य कारण कैल्शियम और विटामिन डी की कमी है. इन दोनों की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और शरीर में दर्द बढ़ने लगता है. आर्थराइटिस यानी गठिया भी एक आम वजह है जिसमें जोड़ों में सूजन और अकड़न बढ़ जाती है.  साथ ही लंबे समय तक बैठे रहना, कम फिजिकल एक्टिविटी करना, पानी कम पीना और ज्यादा वजन होना भी इस समस्या को बढ़ाता है.

आयुर्वेद में क्या है इसका उपाय?

जोड़ों में दर्द बढ़ जाने से चलना फिरना मुश्किल हो जाता है और आम जीवन प्रभावित होता है. ऐसे में आयुर्वेद इस परेशानी के लिए एक आसान और देसी उपाय सुझाता है. आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य बालकृष्ण के अनुसार हरसिंगार एक ऐसा पौधा है जो जोड़ों के दर्द, आर्थराइटिस और मांसपेशियों की जकड़न में बहुत असरदार माना जाता है. इसे नाइट जैस्मिन भी कहा जाता है. 

हरसिंगार की क्या है खासियत?

कई आयुर्वेद ग्रंथों में हरसिंगार के औषधीय गुणों का उल्लेख मिलता है. इसके पत्ते, फूल और जड़ सभी शरीर के लिए फायदेमंद माने जाते हैं. हरसिंगार के पत्तों में फाइटोकेमिकल्स, फ्लेवोनॉयड्स और ग्लाइकोसाइड्स पाए जाते हैं. ये तत्व शरीर में सूजन कम करने में मदद करते हैं. यह जोड़ों में जमा टाक्सिन्स को निकालने और यूरिक एसिड को कम करने में भी लाभदायक माना जाता है.

कैसे करें इसका उपयोग?

यह पौधा वात दोष को शांत करने वाला माना जाता है इसलिए जोड़ों के दर्द और गठिया में प्राकृतिक लाभ देता है. इसे इस्तेमाल करने का पहला तरीका काढ़ा बनाना है. इसके लिए पारिजात यानी हरसिंगार के चार से पांच ताजे पत्तों को हल्का कूटकर दो गिलास पानी में उबालें. जब पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर सुबह और शाम पिएं. यह काढ़ा सूजन और दर्द कम करने में प्रभाव दिखाता है. 

क्या है इसका दूसरा तरीका?

दूसरा तरीका इसका रस पीना है. ताजे पत्तों का रस निकालकर एक चम्मच रस पानी के साथ दिन में एक बार पिएं. इससे बढ़ा हुआ वात कम होता है और शरीर में हल्कापन महसूस होने लगता है. तीसरा तरीका हरसिंगार के पत्तों का पेस्ट तैयार कर उसे दर्द वाली जगह पर लगाना है. यह पेस्ट सूजन कम करने और दर्द शांत करने में कारगर माना जाता है.

चौथा तरीका पत्ते, फूल और टहनियों का मिश्रित काढ़ा बनाकर नियमित सेवन करना है. यह आर्थराइटिस और पुराने दर्द में राहत देने में सहायक माना जाता है.