'यह झूठा नैरेटिव गढ़ती है', यूट्यूबर ध्रुव राठी ने 'धुरंधर' को बताया खतरनाक प्रोपेगेंडा, क्यों बताया बकवास फिल्मों से ज्यादा डेंजर?
ध्रुव राठी ने यूट्यूब वीडियो के जरिए आदित्य धर की फिल्म धुरंधर को खतरनाक प्रोपेगेंडा बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म असली घटनाओं का सहारा लेकर झूठा नैरेटिव गढ़ती है और दर्शकों को गुमराह करती है.
नई दिल्ली: कंटेंट क्रिएटर और पॉलिटिकल कमेंटेटर ध्रुव राठी ने निर्देशक आदित्य धर की फिल्म धुरंधर को लेकर एक तीखा वीडियो जारी किया है. अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए इस वीडियो में राठी ने फिल्म को खतरनाक प्रोपेगेंडा और झूठ पर आधारित बताया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म के जरिए दर्शकों को गुमराह करने की कोशिश की गई है और इसे सिर्फ एक सामान्य एक्शन या जासूसी फिल्म कहकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
‘धुरंधर की सच्चाई’ नाम से पोस्ट हुआ वीडियो
शनिवार शाम को ध्रुव राठी ने अपने चैनल पर ‘धुरंधर की सच्चाई’ शीर्षक से वीडियो पोस्ट किया. इसमें उन्होंने कहा कि यह फिल्म झूठे नैरेटिव को बेचने का काम करती है. राठी के मुताबिक, निर्देशक आदित्य धर ने तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश किया है. उन्होंने फिल्म को वाहियात प्रोपेगेंडा बताते हुए कहा कि यह दर्शकों की सोच को प्रभावित करने की क्षमता रखती है, जो इसे और भी ज्यादा खतरनाक बना देती है.
अच्छी बनी फिल्म इसलिए ज्यादा खतरनाक
वीडियो में राठी ने यह भी स्वीकार किया कि तकनीकी और सिनेमाई लिहाज से धुरंधर एक अच्छी तरह से बनी फिल्म है. लेकिन उनके अनुसार यही बात इसे और खतरनाक बनाती है. उन्होंने तर्क दिया कि खराब बनी फिल्मों का असर सीमित होता है, लेकिन अच्छी तरह से बनाई गई प्रोपेगेंडा फिल्में दर्शकों के दिमाग पर गहरा असर डालती हैं. राठी ने कहा कि द ताज स्टोरी और द बंगाल फाइल्स जैसी फिल्में इसलिए ज्यादा खतरनाक नहीं थीं क्योंकि वे कमजोर फिल्में थीं, जबकि धुरंधर दर्शकों को बांधकर रखती है.
‘सिर्फ फिल्म’ कहने वालों पर भी सवाल
ध्रुव राठी ने उन लोगों की भी आलोचना की जो धुरंधर का बचाव करते हुए इसे सिर्फ एक फिल्म बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि फिल्म बार बार दावा करती है कि यह असली घटनाओं से प्रेरित है. ट्रेलर में भी यही दिखाया गया है. फिल्म में 26.11 मुंबई हमलों का असली फुटेज दिखाया गया है. इसके अलावा आतंकवादियों और उनके हैंडलर्स के बीच हुई बातचीत की असली ऑडियो रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल भी किया गया है.
असल लोकेशन और किरदारों का इस्तेमाल
राठी ने वीडियो में यह भी कहा कि फिल्म में पाकिस्तान के लयारी इलाके में रहने वाले असली गैंगस्टर्स और पुलिस अधिकारियों का जिक्र किया गया है. उनके मुताबिक, इस तरह के असली संदर्भ फिल्म को पठान या टाइगर जैसी अन्य जासूसी फिल्मों से ज्यादा भरोसेमंद बना देते हैं. यही कारण है कि दर्शक इसे कल्पना नहीं बल्कि हकीकत के करीब मानने लगते हैं.
सोशल मीडिया पर पहले भी कर चुके थे आलोचना
इससे पहले भी ध्रुव राठी सोशल मीडिया पर धुरंधर में दिखाए गए हिंसा और खून खराबे की आलोचना कर चुके हैं. वीडियो जारी करने से पहले उन्होंने एक ट्वीट में फिल्म की पोल खोलने का दावा किया था. फिलहाल आदित्य धर या फिल्म के निर्माताओं की ओर से इस वीडियो पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.