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मराठी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री दया डोंगरे का निधन, नेगेटिव किरदारों से जीते थे लाखों दिल

मराठी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री दया डोंगरे का निधन हो गया है. नेगेटिव किरदारों से उन्होंने लाखों दिल जीते थे. 1992 में रिलीज हुई आमिर खान और जूही चावला की सुपरहिट फिल्म 'दौलत की जंग' में बेहतरीन किरदार में नजर आई थीं.

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मराठी मनोरंजन जगत को आज एक बड़ा झटका लगा है. मशहूर अभिनेत्री दया डोंगरे का 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उनका जाना न सिर्फ मराठी सिनेमा के लिए, बल्कि पूरे कला क्षेत्र के लिए बड़ा नुकसान है. दया जी ने थिएटर से लेकर छोटे पर्दे और बड़े पर्दे तक अपनी बहुमुखी प्रतिभा से सबको प्रभावित किया. खासतौर पर नेगेटिव रोल्स में उनकी एक्टिंग ऐसी थी कि दर्शक उन्हें भूल ही नहीं पाते थे.

उनके नाम के विपरीत, वे सास, सौतन और खलनायिका जैसे किरदारों में इतनी सहजता से उतर जातीं कि स्क्रीन पर जान डाल देतीं. दया डोंगरे का जन्म 11 मार्च 1940 को पुणे में हुआ था. उनके परिवार में कला का गहरा रिश्ता था. उनकी मां यमुनाबाई मोडक एक जानी-मानी नाट्य अभिनेत्री थीं, जबकि नानी शांताबाई मोडक मराठी सिनेमा की मशहूर गायिका थी. 

मराठी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री दया डोंगरे का निधन

बचपन से ही दया को संगीत और अभिनय का शौक था. उन्होंने शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण लिया और शुरू में गायिका बनने का सपना देखा. लेकिन किस्मत ने उन्हें अभिनय की राह पर ला खड़ा किया. शालेय दिनों में ही नाटकों में हिस्सा लेने लगीं और धीरे-धीरे मराठी थिएटर की दुनिया में अपनी पहचान बनाई. शादी के बाद भी उन्होंने अपने करियर को नहीं छोड़ा. पति शरद डोंगरे का पूरा साथ मिला, जो 2014 में चल बसे.

नेगेटिव किरदारों से जीते थे लाखों दिल

दया जी ने मराठी सिनेमा में दर्जनों फिल्मों में काम किया. 'खट्याळ सासू', 'नाठाळ सून', 'नवरी मिळे नवऱ्याला' और 'चार दिवस सासूचे' जैसी हिट फिल्मों में उनके नेगेटिव किरदार आज भी याद किए जाते हैं. इन रोल्स में वे इतनी जिंदा हो जातीं कि दर्शक उन्हें पर्दे से उतार ही नहीं पाते. छोटे पर्दे पर भी उनकी मौजूदगी कमाल की थी. सीरियल्स में सास-बहू के ड्रामे हो या फैमिली स्ट्रगल, हर जगह वे स्टार रहीं. हिंदी सिनेमा में भी उनका योगदान कम नहीं है. 

1992 में रिलीज हुई आमिर खान और जूही चावला की सुपरहिट फिल्म 'दौलत की जंग' में वे एक महत्वपूर्ण किरदार में नजर आईं. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया और दया जी की एक्टिंग को खूब तारीफ मिली. वे मराठी और हिंदी दोनों भाषाओं में अपनी छाप छोड़ने वाली उन चुनिंदा कलाकारों में शुमार हैं, जिन्होंने सीमाओं को तोड़ा. दया डोंगरे की जिंदगी संघर्षों से भरी रही, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी.