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3000 लो वोट दो.. बॉलीवुड की इस बड़ी अभिनेत्री को आया किस पॉलीटिकल पार्टी से कॉल?

अभिनेत्री सुचित्रा कृष्णमूर्ति हाल ही में एक कॉन्ट्रोवर्सियल घटना का शिकार हुईं, जब उन्हें एक फोन कॉल आया जिसमें एक रिकॉर्डेड आवाज ने उन्हें महाविकास आघाड़ी (MVA) के पक्ष में वोट देने के बदले 3,000 रुपये देने का प्रस्ताव रखा.

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: x

अभिनेत्री सुचित्रा कृष्णमूर्ति हाल ही में एक कॉन्ट्रोवर्सियल घटना का शिकार हुईं, जब उन्हें एक फोन कॉल आया जिसमें एक रिकॉर्डेड आवाज ने उन्हें महाविकास आघाड़ी (MVA) के पक्ष में वोट देने के बदले 3,000 रुपये देने का प्रस्ताव रखा. इस घटना ने न केवल फिल्म इंडस्ट्री बल्कि राजनीतिक और कानूनी हलकों में भी सवाल उठाए हैं. क्या वाकई किसी को पैसे देकर वोट देने का यह तरीका कानूनी है? 

सुचित्रा कृष्णमूर्ति, जो भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की एक जानी-मानी अभिनेत्री हैं, इन्होंने सोशल मीडिया पर इस घटना का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि उन्हें एक फोन कॉल आया, जिसमें एक रिकॉर्डेड आवाज ने उनसे महाविकास आघाड़ी के समर्थन में वोट देने के लिए 3,000 रुपये का प्रस्ताव रखा. इस कॉल के बाद सुचित्रा ने तुरंत इस मामले को अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किया और इस घटना की निंदा की.

यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि क्या भारतीय चुनावों में वोट खरीदने या पैसे देकर लोगों को प्रभावित करना कानूनी है, और क्या इस प्रकार के प्रलोभन देना किसी राजनीतिक दल द्वारा एक सही तरीका है?

वोट खरीदना और चुनावी धोखाधड़ी

भारतीय चुनावों में मतदाताओं को किसी प्रकार के पैसों, उपहारों, या अन्य प्रकार के लाभ का प्रलोभन देकर वोट खरीदने की प्रक्रिया पूरी तरह से गैरकानूनी है. भारतीय संविधान और चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के अनुसार, चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि कोई भी राजनीतिक दल या व्यक्ति मतदाताओं को प्रलोभन देकर उनका वोट न खरीदें.

महाविकास आघाड़ी पर आरोप

सुचित्रा कृष्णमूर्ति द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद, महाविकास आघाड़ी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है. हालांकि, पार्टी के नेताओं ने इस आरोप को नकारा है और इसे 'बिना आधार' बताया है. उन्होंने कहा कि यह किसी और के द्वारा की गई व्यक्तिगत हरकत हो सकती है और पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है. फिर भी, इस मामले ने राजनीति और कानूनी तौर पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

चुनाव आयोग की भूमिका

इस प्रकार के आरोपों को लेकर चुनाव आयोग की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है. चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए कई सख्त नियम बनाए हैं. किसी भी प्रकार के चुनावी धोखाधड़ी के मामलों में आयोग तुरंत कार्रवाई करता है और मामले की जांच करता है. इस मामले में भी यदि आयोग को प्रमाण मिलते हैं, तो वह इस पर कार्रवाई कर सकता है.