Prem Sagar Death: भारतीय टेलीविजन और सिनेमा जगत के लिए 31 अगस्त का दिन शोक से भरा गया, जब मशहूर फिल्ममेकर और सिनेमेटोग्राफर प्रेम सागर के निधन की खबर सामने आई. उन्होंने सुबह 10 बजे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली. 84 साल के प्रेम सागर लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे और उनका इलाज चल रहा था. खबरों के मुताबिक, रविवार सुबह उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया रविवार को मुंबई के जुहू स्थित पवनहंस शमशान घाट पर संपन्न होगी.
प्रेम सागर, भारतीय टेलीविजन के ऐतिहासिक धारावाहिक रामायण के निर्माता-निर्देशक रामानंद सागर के बेटे थे. उन्होंने पुणे के प्रतिष्ठित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से सिनेमेटोग्राफी और फोटोग्राफी में ट्रेनिंग ली थी. अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, प्रेम सागर ने अपने पिता की कंपनी 'सागर आर्ट्स' के साथ अपने करियर की शुरुआत की. रामानंद सागर के निर्देशन में बने ऐतिहासिक धारावाहिक रामायण में प्रेम सागर ने सिनेमेटोग्राफर की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके अलावा, उन्होंने विक्रम बेताल, लव कुश, और श्रीकृष्ण जैसे कई लोकप्रिय धारावाहिकों में भी सिनेमेटोग्राफी के क्षेत्र में योगदान दिया.
The FTII community deeply mourns the passing of noted cinematographer Shri Prem Sagar, from the early batches of Motion Picture Photography.
— FTII (@FTIIOfficial) August 31, 2025
His remarkable contribution to Indian Cinema and Television has left an enduring legacy, inspiring generations to come. pic.twitter.com/m8yefGCldy
टेलीविजन और सिनेमा में प्रेम सागर का योगदान
प्रेम सागर ने न केवल अपने पिता की विरासत को संभाला, बल्कि उसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. उन्होंने लोकप्रिय धारावाहिक अलिफ लैला का निर्देशन किया, जो दर्शकों के बीच बेहद पसंद किया गया. इसके अलावा, उन्होंने काकभुशुंडी रामायण (2024) और कामधेनु गौमाता (2025) जैसे धार्मिक धारावाहिकों का निर्देशन भी किया, जो भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को दर्शाते हैं. सिनेमेटोग्राफी के क्षेत्र में भी प्रेम सागर का योगदान उल्लेखनीय रहा. उन्होंने 1968 में आई धर्मेंद्र और माला सिन्हा अभिनीत फिल्म आंखें और 1972 में राजेंद्र कुमार और माला सिन्हा की फिल्म ललकार में तकनीकी विभाग का नेतृत्व किया.
सुपरहिट फिल्म चरस में निभाई थी सिनेमेटोग्राफर की भूमिका
1976 में धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की सुपरहिट फिल्म चरस में उन्होंने सिनेमेटोग्राफर के रूप में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. उनके अन्य उल्लेखनीय प्रोजेक्ट्स में हम तेरे आशिक हैं (1979), बसेरा (2009), और जय जय शिव शंकर (2010) शामिल हैं. प्रेम सागर के निधन पर सिनेमा और टेलीविजन जगत के कई दिग्गजों ने शोक व्यक्त किया है. उनके प्रशंसक और सहयोगी उन्हें एक समर्पित कलाकार और सृजनशील व्यक्तित्व के रूप में याद करेंगे.