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Gautami Kapoor: बेटी के 16वें जन्मदिन पर क्यों सेक्स टॉय देना चाहती है गौतमी कपूर? वजह जान उड़ जाएंगे होश

Gautami Kapoor: टेलीविजन की जानी-मानी एक्ट्रेस गौतमी कपूर ने हाल ही में एक साहसिक और चर्चित बयान दिया है, जिसने सोशल मीडिया और खबरों की सुर्खियों में हलचल मचा दी है. गौतमी ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी सिया कपूर को उसके 16वें जन्मदिन पर सेक्स टॉय या वाइब्रेटर उपहार में देने की सोची थी.

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Edited By: Babli Rautela
Gautami Kapoor
Courtesy: Social Media

Gautami Kapoor: बॉलीवुड और टेलीविजन की जानी-मानी एक्ट्रेस गौतमी कपूर ने हाल ही में एक साहसिक और चर्चित बयान दिया है, जिसने सोशल मीडिया और खबरों की सुर्खियों में हलचल मचा दी है. गौतमी ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी सिया कपूर को उसके 16वें जन्मदिन पर सेक्स टॉय या वाइब्रेटर उपहार में देने की सोची थी. इस खुलासे ने न केवल सामाजिक सोच को चुनौती दी है, बल्कि माता-पिता और बच्चों के बीच खुली बातचीत की आवश्यकता पर भी जोर डाला है.

गौतमी कपूर, जो राम कपूर की पत्नी हैं, ने हाल ही में हाउटरफ्लाई के साथ एक इंटरव्यू में इस अनोखे विचार को साझा किया. उन्होंने बताया कि जब उनकी बेटी सिया 16 साल की हुई थी, तो वह एक ऐसा उपहार देना चाहती थीं जो न केवल यादगार हो, बल्कि सामाजिक दायरे में असामान्य भी हो.

बेटी को क्यों सेक्स टॉय देना चाहती खी गौतमी कपूर

अपनी बातचीत के दौरान गौतमी ने कहा, 'यह बहुत मजेदार है कि जब मेरी बेटी 16 साल की हुई, तो मुझे उसे कुछ उपहार देना था. मैं सोच रही थी कि उसे क्या उपहार दूं, और मैंने सोचा कि मुझे उसे सेक्स टॉय या वाइब्रेटर देना चाहिए.'

इस विचार ने उनकी बेटी को शुरू में हैरान कर दिया. गौतमी ने हंसते हुए बताया, 'जब मैंने उससे इस बारे में बात की, तो उसने कहा, ‘मां, क्या तुम पागल हो गई हो? क्या तुम मंदबुद्धि हो या पागल हो.’ मैंने उससे कहा, ‘इसके बारे में सोचो. कितनी मांएं अपनी बेटियों से इस तरह का कुछ उपहार देने के बारे में बात करने को तैयार होंगी? तुम प्रयोग क्यों नहीं करतीं?’

सामाजिक सोच को तोड़ने की कोशिश

गौतमी का यह विचार केवल एक उपहार देने की इच्छा तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके पीछे उनकी गहरी सोच थी. उन्होंने बताया कि वह अपनी बेटी सिया के लिए वह सब करना चाहती थीं, जो उनकी मां ने उनके लिए नहीं किया. गौतमी ने कहा, 'मैं चाहती थी कि मेरी बेटी जीवन के हर सुख को अनुभव करे. कई महिलाएं सामाजिक वर्जनाओं और बंदिशों के कारण जीवन के सुखों से वंचित रह जाती हैं.' 

गौतमी का मानना है कि माता-पिता को अपने बच्चों के साथ खुले तौर पर बातचीत करनी चाहिए, खासकर उन विषयों पर जो समाज में वर्जित माने जाते हैं. उनका यह दृष्टिकोण न केवल साहसिक है, बल्कि आज के दौर में माता-पिता और बच्चों के बीच संवाद की कमी को भी उजागर करता है.