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India Daily

पाकिस्तान की फिर से नापाक हरकत, भारत की कई रक्षा वेबसाइट हुईं हैक

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तानी हैकर्स भारतीय रक्षा वेबसाइटों को निशाना बना रहे हैं. वहीं, हैकर्स ने रक्षा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की वेबसाइट को भी हैक करने की कोशिश की है.

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Edited By: Mayank Tiwari
पाक-स्थित साइबर समूहों ने फिर भारत को निशाना बनाया
Courtesy: Social Media

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तानी हैकर्स भारतीय रक्षा वेबसाइटों को निशाना बना रहे हैं. रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों के अनुसार, साइबर हमलों से रक्षा कर्मियों की संवेदनशील जानकारी, जिसमें उनके लॉगिन क्रेडेंशियल भी शामिल हैं, ऐसे में इसके साथ समझौता हो सकता है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान साइबर फोर्स नामक एक हैंडल ने दावा किया है कि हैकर्स ने मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज और मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस के संवेदनशील डेटा तक पहुंच बना ली है. सूत्रों ने बताया कि इस समूह ने रक्षा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की वेबसाइट को भी हैक करने की कोशिश की है.

वेबसाइट को किया गया ऑफलाइन

सूत्रों ने बताया कि हैकिंग के प्रयास से होने वाले किसी भी संभावित नुकसान का आकलन करने के लिए बख्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड की वेबसाइट को गहन ऑडिट के लिए ऑफलाइन कर दिया गया है. सूत्रों ने बताया कि साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट किसी भी अतिरिक्त हमले का पता लगाने के लिए साइबरस्पेस पर एक्टिव रूप से नज़र रख रहे हैं. खास तौर पर उन हमलों का जो पाकिस्तान से जुड़े ख़तरनाक तत्वों द्वारा प्रायोजित हो सकते हैं. साथ ही, आगे की घुसपैठ की कोशिशों से बचने के लिए सुरक्षा ढांचे को मज़बूत करने के लिए उचित उपाय किए जा रहे हैं.

जानिए क्या है पूरा मामला?

इधर,पाकिस्तान साइबर फोर्स हैंडल, जिसे अब रोक दिया गया है, इसने आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड के एक वेबपेज की तस्वीरें पोस्ट की थीं, जहां एक भारतीय टैंक की तस्वीर को पाकिस्तानी टैंक से बदल दिया गया था. जबकि, एक अन्य पोस्ट में नामों की एक लिस्ट थी, जो जाहिर तौर पर भारतीय रक्षा कर्मियों की थी, जिसमें एक मैसेज था: "हैक किया गया. आपकी सुरक्षा एक भ्रम है. एमईएस डेटा स्वामित्व में है." हैंडल ने यह भी दावा किया कि मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस की वेबसाइट पर 1,600 उपयोगकर्ताओं के 10 जीबी से अधिक डेटा तक उसकी पहुंच थी.