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SC Order On Stray Dogs: 'कुत्तों के लिए नहीं चुकाएंगे जान की कीमत!', आवारा कुत्तों पर बॉलीवुड में बहस, डायरेक्टर ने दिखाई डॉग्स की खूंखारियत

SC Order On Stray Dogs: फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजने वाले आदेश पर अपनी राय साझा की है. वर्मा ने कहा कि इंसानों की जान की कीमत किसी भी करुणा से बड़ी है और गरीबों को अमीरों की 'पशु प्रेम' की कीमत नहीं चुकानी चाहिए.

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Edited By: Babli Rautela
SC Order On Stray Dogs
Courtesy: Social Media

SC Order On Stray Dogs: फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा ने दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में शिफ्ट करने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर अपनी सख्त राय साझा की है. वर्मा ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि इंसानों की सुरक्षा किसी भी बहस का केंद्र बिंदु होनी चाहिए.

डायरेक्टर ने अपने विचार रखे और पशु कार्यकर्ताओं को निशाना बनाते हुए कहा, 'जहां एक ओर लोगों को आवारा कुत्ते काट रहे हैं और मार रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुत्ते प्रेमी कुत्तों के अधिकारों के बारे में ट्वीट करने में व्यस्त हैं.' उन्होंने यह भी कहा कि घर पर पालतू रखना ठीक है, लेकिन पीड़ित परिवारों के लिए करुणा का उपदेश देना संवेदनहीन है.

अमीर-गरीब के बीच वर्ग विभाजन

राम गोपाल वर्मा ने अमीर-गरीब के बीच वर्ग विभाजन की ओर इशारा करते हुए कहा, 'अमीर लोग उच्च नस्ल के कुत्तों को पालते हैं, जबकि गरीब लोग आवारा कुत्तों से मारे जाते हैं. यही वर्ग विभाजन है जिसके बारे में कुत्ते प्रेमी बात नहीं करते.' 

उन्होंने समाज पर 'चुनिंदा सहानुभूति' का आरोप लगाते हुए कहा कि कई लोग आवारा कुत्तों के लिए तो रोते हैं, लेकिन हमलों के शिकार गरीब परिवारों को नजरअंदाज कर देते हैं. वर्मा ने चुनौती दी कि अगर लोग वास्तव में पशु अधिकारों की चिंता करते हैं तो उन्हें सभी कुत्तों को गोद लेना चाहिए, न कि सिर्फ हैशटैग अभियान चलाना चाहिए.

इंसान Vs जानवर- वर्मा ने उठाया सवाल

वर्मा ने सवाल उठाया, 'अगर कोई इंसान मारता है, तो वह हत्यारा है. अगर कोई कुत्ता मारता है, तो आप उसे दुर्घटना कहते हैं. क्या इसका मतलब यह है कि जानवरों की तरह लोगों को मारना भी दुर्घटना कहा जा सकता है?'

उन्होंने आगे कहा,'न्याय के बिना करुणा, करुणा नहीं, बल्कि आत्म-धार्मिकता में लिपटी क्रूरता है.' वर्मा के मुताबिक, गेटेड कम्युनिटीज में रहने वाले लोग सुरक्षित हैं, जबकि गरीब खुले क्षेत्रों में आवारा हमलों का शिकार बनते हैं.

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों के भीतर पकड़कर विशेष आश्रयों में रखा जाए. अदालत ने साफ किया कि एक बार पकड़े जाने के बाद कुत्तों को वापस सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा.