Bad Girl Film Controversy: तमिल फिल्म 'बैड गर्ल' का टीजर, जिसे विट्री मारन ने प्रोड्यूस किया और अनुराग कश्यप ने प्रस्तुत किया, मद्रास हाई कोर्ट के आदेश के बाद यूट्यूब से हटा दिया गया है. कोर्ट ने इस टीजर को हटाने का निर्देश दिया, क्योंकि इसमें नाबालिगों और किशोरों का बोल्ड चित्रण किया गया था, जो बच्चों के दिमाग पर बुरा असर डाल सकता है. जस्टिस पी. धनबाल ने कहा, "अगर बच्चे इस तरह का कंटेंट देखेंगे, तो यह उनके दिमाग को खराब कर सकता है." इस फैसले ने फिल्म को लेकर चल रही बहस को और गर्म कर दिया है.
मद्रास HC ने अनुराग कश्यप की फिल्म को बताया 'अश्लील'!
'बैड गर्ल' एक कमिंग-ऑफ-एज ड्रामा है, जिसका निर्देशन नवोदित निर्देशक वर्षा भरत ने किया है. फिल्म की कहानी एक किशोरी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो रूढ़िगत समाज में अपनी आजादी और इच्छाओं के बीच संघर्ष करती है. जनवरी 2025 में रिलीज हुए टीजर ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया था. कुछ लोगों ने इसे किशोरों की स्वाभाविक जिज्ञासा को सामान्य करने वाला बताया, जबकि अन्य ने इसे नाबालिगों का यौन चित्रण करने वाला और अनुचित माना. खास तौर पर टीजर में एक ब्राह्मण लड़की के किरदार को लेकर विवाद हुआ, जिसे कुछ संगठनों ने अपनी संस्कृति का अपमान बताया.
यूट्यूब से हटाया 'बैड गर्ल' का टीजर
मद्रास हाई कोर्ट के मडुरै बेंच में तीन लोगों, जिनमें रामकुमार और रमेशकुमार शामिल थे, ने याचिका दायर की थी. उन्होंने दावा किया कि टीजर में बच्चों से संबंधित आपत्तिजनक दृश्य हैं, जो प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज (पॉक्सो) एक्ट और सूचना प्रौद्योगिकी एक्ट का उल्लंघन करते हैं. कोर्ट ने मंत्रालय को एक महीने के भीतर टीजर हटाने और भविष्य में ऐसे कंटेंट को रोकने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया.
हालांकि, फिल्म को सेंसर बोर्ड से यू/ए सर्टिफिकेट मिल चुका है और यह 5 सितंबर को रिलीज के लिए तैयार है. अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में इसकी तारीफ हो चुकी है, लेकिन भारत में यह विवादों में घिरी है. इस फैसले ने सेंसरशिप और रचनात्मक स्वतंत्रता पर बहस को फिर से हवा दी है. फैंस अब इंतजार कर रहे हैं कि क्या यह फिल्म अपने निर्धारित समय पर रिलीज हो पाएगी.