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Ashish Kapoor Judicial Custody: 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' एक्टर आशीष कपूर पर दिल्ली कोर्ट का सख्त कदम, इतने दिन के लिए भेजा जेल

Ashish Kapoor Judicial Custody: दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने टीवी एक्टर आशीष कपूर को बलात्कार मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. 2 सितंबर को दर्ज शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किए गए आशीष पर आरोप है कि उन्होंने पार्टी में महिला के पेय में नशीला पदार्थ मिलाकर उसका रेप किया है.

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Edited By: Babli Rautela
Ashish Kapoor Judicial Custody
Courtesy: Social Media

Ashish Kapoor Judicial Custody: दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने टीवी के जाने माने एक्टर आशीष कपूर को कथित रेप केस में पुलिस पूछताछ पूरी होने के बाद शनिवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. आशीष को लिंक न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) पायल सिंघल के समक्ष पेश किया गया था. 2 सितंबर को पुणे में एक महिला की दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर आशीष कपूर को गिरफ्तार किया गया है. 

शिकायत के अनुसार, महिला को 11 अगस्त को आशीष के पड़ोस में आयोजित एक पार्टी में बुलाया गया था. उसने आरोप लगाया कि उसके पेय में नशीला पदार्थ मिलाया गया, जिसके बाद वह बेहोश हो गई. महिला ने दावा किया कि इसी दौरान उसे शौचालय में घसीटकर गैंगरेप किया गया. एफआईआर में रेप, गैंग रेप और चोट पहुंचाने सहित कई गंभीर धाराएं जोड़ी गईं.

महिला के आरोपों में बदलाव 

पुलिस का कहना है कि महिला ने शुरुआत में अपने बयान में दूसरे व्यक्तियों के नाम भी लिए थे. हालांकि, बाद में उसने अपना बयान बदलते हुए केवल आशीष कपूर पर रेप का आरोप लगाया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने 5 दिन की हिरासत रिमांड मांगी थी ताकि मोबाइल फोन की बरामदगी और कुछ टेस्ट किया जा सके. साथ ही, पुलिस ने एक्टर को पुणे ले जाने की अनुमति भी चाही थी.

3 सितंबर को तीस हजारी अदालत ने मामले की जांच को सुगम बनाने के लिए आशीष को 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. अदालत ने पुलिस को आशीष का पौरुष परीक्षण कराने की भी अनुमति दी थी. हालांकि, 7 सितंबर को पेशी निर्धारित होने के बावजूद पुलिस ने उन्हें एक दिन पहले ही अदालत में पेश कर दिया. इसके बाद अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया.

आशीष कपूर की ओर से बयान

सुनवाई के दौरान आशीष कपूर के वकील दीपक शर्मा, राजन ओबेरॉय और सोमेश ओबेरॉय अदालत में मौजूद रहे. उन्होंने तर्क दिया कि मोबाइल फोन की बरामदगी आशीष से संभव नहीं है, क्योंकि स्थिति रिपोर्ट के अनुसार यह सह-अभियुक्त कपिल गुप्ता और रितु गुप्ता के पास था.

वकीलों ने यह भी बताया कि कपिल गुप्ता, जो कि एक पायलट हैं, उन्हें पहले ही अग्रिम जमानत मिल चुकी है. वहीं रितु गुप्ता एक व्यवसायी हैं. ऐसे में आशीष की हिरासत रिमांड की आवश्यकता नहीं थी