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India Daily

Uttarakhand: अल्मोड़ा में चार साल पहले मनोज बाजपेयी ने खरीदी जमीन, आज तक शुरू नहीं हुआ काम, अब प्रशासन करेगी जब्त!

उत्तराखंड में हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर भू कानून की मांग लगातार जोर पकड़ रही है. त्रिवेंद्र सिंह रावत की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार ने इस कानून में बदलाव किया था. अब मौजूदा सीएम धामी लगातार इसे मजबूत बनाने की बात कर रहे हैं.

Manoj Bajpayee
Courtesy: Manoj Bajpayee

बॉलीवुड में अपनी एक्टिंग से तहलका मचाने वाले एक्टर मनोज बाजपेयी की उत्तराखंड में खरीदी गई एक जमीन मुश्किल में फंस गई है. उन पर आरोप है कि उन्होंने उत्तराखंड के भू कानून के नियमों को तोड़ा है. अल्मोड़ा प्रशासन ने लमगड़ा में खरीदी गई जमीन के लिए उन्हें नोटिस भी भेजा है. अगर प्रशासन को संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो उनकी ये जमीन सरकार जब्त कर सकती है.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बाहरी व्यक्तियों द्वारा खरीदी गई जमीन के मामलों के जांच के आदेश के बाद मनो बाजपेयी का मामला भी सामने आया है. देश में कोराना काल के दौरान मनोज बाजपेयी ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक नगरी कहे जाने वाले अल्मोड़ा शहर के लमगड़ा ब्लॉक में कपकोट नामक जगह पर 15 नाली जमीन खरीदी थी.

उन्होंने इस जमीन की रजिस्ट्री ये कहकर करवाई थी कि वो इस जगह पर योग और ध्यान सेंटर खोंलेगे. साल 2021 में खरीदी गई इस जमीन पर अभी तक उन्होंने काम शुरू नहीं किया है. ये जगह अल्मोड़ा मुख्यालय से करीब 40 किमी की दूरी पर है.

मनोज बाजपेयी ने किया भू कानून का दुरुपयोग!
उत्तराखंड में भू कानून का मुद्दा काफी समय से जोर पकड़े हुए है. सीएम धामी के आदेश के बाद अल्मोड़ा प्रशासन ने बाहरी व्यक्तियों द्वारा जमीन खरीदने का डाटा तैयार किया था. इसमें 23 लोगों के नाम सामने आए थे. अब ये बात साफ हो गई है इसमें बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेयी का नाम भी सामने आया है. अब उन्हें भू कानून की तय शर्तों के हिसाब से काम न करने की वजह से नोटिस भेजे जाने की तैयारी है. अगर उनकी तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं आया तो उनकी जमीन जब्त की जा सकती है.

क्या जब्त होगी मनोज बाजपेयी की जमीन
अल्मोड़ा के जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने इस बात की पुष्टि की है.उन्होने हिंदुस्तान अखबार से बातचीत में कहा कि जिन लोगों ने तय शर्तो के मुताबिक खरीदी भूमि का उपयोग नहीं किया है. उन्हे नोटिस भेजे जा रहे हैं. इसमें अभिनेता मनोज बाजपेयी का नाम भी शामिल है. संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो ये भूमि प्रशासन जब्त कर लेगी. 

23 मामलों में सबसे ज्यादा मामले अल्मोड़ा के जिला प्रशासन ने जो लिस्ट बनाई है उसमें सबसे ज्यादा 11 मामले अल्मोड़ा के हैं. इसके अलावा रानीखेत में पांच,लमगड़ा में तीन, स्याल्दे में दो और सल्ट-द्वाराहाट में  
एक-एक मामले शामिल हैं. इन मामलों में से 8 कोर्ट में लंबित हैं. पांच पर कार्रवाई हो चुकी है जबकि बाकी सभी को नोटिस दिया जाना है.