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Faizabad Lok Sabha Seat: राम की नगरी में सपा के अवधेश पलटेंगे बाजी या लल्लू सिंह का जलवा रहेगा जारी?

Faizabad Lok Sabha: फैजाबाद लोकसभा सीट पर इस बार का लोकसभा चुनाव और रोमांचक होने वाला है. बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद लल्लू सिंह को लगातार तीसरी बार चुनाव में उतारा है.

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Nilesh Mishra
Faizabad Lok Sabha Seat
Courtesy: India Daily Live

उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी लोकसभा के हिसाब से फैजाबाद लोकसभा का हिस्सा है. लगातार दो बार से चुनाव जीत रहे लल्लू सिंह पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीसरी बार भी भरोसा जताया है. पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर दूसरे और तीसरे नंबर पर रही सपा और कांग्रेस के साथ आ जाने से यहां का चुनाव रोमांचक हो गया है. जहां बीजेपी को अयोध्या की 'राम लहर' पर विश्वास है, वहीं सपा ने अपने कद्दावर नेता अवधेश प्रसाद को चुनाव में उतारकर एक नई रणनीति खेली है. मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीजेपी) ने यहां से ब्राह्मण उम्मीदवार को टिकट देकर चुनाव को और रोमांचक बना दिया है.

पिछले चुनाव में सपा के आनंद सेन यादव ने बसपा के समर्थन के बाद लल्लू सिंह को कड़ी चुनौती दी थी. वह चुनाव हार जरूर गए लेकिन हार का अंतर सिर्फ 46 हजार वोटों का रह गया था. 2014 में भी सपा दूसरे नंबर पर रही थी. यही वजह है कि इस बार सपा ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए यादव के बजाय दलित नेता अवधेश प्रसाद को चुनाव में उतारा है.

भारी पड़ जाएंगे अवधेश प्रसाद?

सपा के दिग्गज दलित नेता अवधेश प्रसाद 9 बार के विधायक हैं. 2022 में भी वह अयोध्या की मिल्कीपुर सुरक्षित सीट से जीतकर विधायक बने हैं. साल 1977 में सोहावल सीट से पहले बार विधायक विधायक बने अवधेश प्रसाद 1985, 89, 93, 96, 2002, 2007 और 2012 में लगातार चुनाव जीते.  2017 में वह मिल्कीपुर सीट से चुनाव हार गए थे लेकिन 2022 में उन्होंने एक बार फिर वापसी की. यही वजह है कि अब सपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव में उतार दिया है.

लल्लू सिंह लगाएंगे हैट्रिक?

जनवरी महीने में राम मंदिर के उद्घाटन के साथ ही बीजेपी 'राम लहर' पर सवार है. इसी के चलते यूपी की फैजाबाद समेत ज्यादातर सीटों पर बीजेपी ने कैंडिडेट नहीं बदले हैं. 2022 में फैजाबाद की 5 विधानसभा सीटों में से चार पर बीजेपी को ही जीत मिली थी. हालांकि, लल्लू सिंह दो बार से सांसद हैं तो उनके खिलाफ एंटी इन्कम्बेंसी भी एक अहम फैक्टर है. बीजेपी को उम्मीद है कि मोदी के नाम की लहर और राम का असर उसकी यह सीट पार लगा देगा.

क्या है फैजाबाद का जाति समीकरण?

फैजाबाद में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 22 लाख है. इसमें से 76 प्रतिशत हिंदू मतदाता और 22 फीसदी मुस्लिम हैं. पांच विधानसभा सीटों में से एक सीट SC कैटगरी के लिए आरक्षित है. यहां ओबीसी मतदाता 26 प्रतिशत हैं जिनमें से 13 फीसदी यादव हैं. 4 पर्सेंट दलित और सवर्ण मतदाताओं की संख्या 29 फीसदी है. यही वजह है कि 2019 में जब सपा-बसपा का गठबंधन हुआ तो लल्लू सिंह की जीत का अंतर काफी कम हो गया और कांग्रेस से निर्मल खत्री तीसरे नंबर पर पहुंच गए.

अब तक का क्या है इतिहास?

भले ही बीजेपी अयोध्या के मुद्दे को खूब जोर-शोर से उठाती रही हो लेकिन अब तक हुए कुल 16 चुनाव में बीजेपी ने सिर्फ 5 बार चुनाव जीता है. कांग्रेस ने सात बार तो सपा, बसपा और कम्युनिस्ट पार्टी ने भी इस सीट पर एक-एक बार जीत हासिल की है. एक बार जनता पार्टी ने भी इस सीट पर जीत हासिल की है. बीजेपी की ओर से तीन बार विनय कटियार तो दो बार लल्लू सिंह ने जीत हासिल की है. कांग्रेस के निर्मल खत्री अब तक दो बार यहां से सांसद बने हैं.