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पाकिस्तान में शिक्षा की कीमत, हर साल क्यों बढ़ती है फीस और घटता है स्कूल जाने वालों का आंकड़ा?

आज पाकिस्तान की साक्षरता दर 62-68% के बीच है, जिसमें पुरुषों में 73-80% और महिलाओं में 52-60% तक है. ये आंकड़े प्रांत और क्षेत्र के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं.

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Edited By: Reepu Kumari
Cost of education in pakistan
Courtesy: Pinterest

1947 में आज़ादी के बाद पाकिस्तान को कई मोर्चों पर संघर्ष करना पड़ा—चाहे वो आर्थिक हो या सामाजिक. शुरुआत में कमजोर ढांचे के कारण देश को शिक्षा, उद्योग और कृषि जैसी मूलभूत व्यवस्थाओं को विकसित करने में समय लगा. लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीता, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ने थोड़ी रफ्तार पकड़ी और शिक्षा का स्तर भी कुछ हद तक सुधरा.

हालांकि, आज की स्थिति बेहद चिंताजनक है. एक ओर जहां महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा का खर्च भी लगातार बढ़ रहा है. फीस बढ़ोतरी के नियम तो बने हैं, लेकिन उनका पालन कितना हो रहा है, यह एक बड़ा सवाल है. सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि लाखों बच्चे अब भी स्कूलों से दूर हैं.

शिक्षा की स्थिति और साक्षरता दर

आज पाकिस्तान की साक्षरता दर 62-68% के बीच है, जिसमें पुरुषों में 73-80% और महिलाओं में 52-60% तक है. ये आंकड़े प्रांत और क्षेत्र के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं. हालांकि बीते कुछ दशकों में साक्षरता दर में बढ़ोतरी हुई है, परंतु ग्रामीण इलाकों में यह अब भी बेहद कम है. महिलाओं की शिक्षा विशेष रूप से चुनौतियों से भरी हुई है.

फीस बढ़ाने के नियम क्या कहते हैं?

पाकिस्तान में स्कूल फीस बढ़ाने के नियम प्रांतीय सरकारें निर्धारित करती हैं. प्रत्येक प्रांत में शिक्षा विभाग की ओर से एक सीमा तय की जाती है कि स्कूल साल में अधिकतम कितनी फीस बढ़ा सकते हैं. अगर कोई निजी स्कूल तय सीमा से अधिक फीस बढ़ाना चाहता है, तो उसे पहले अभिभावकों और शिक्षा विभाग को सूचित करना होता है. कई बार इन नियमों की अनदेखी भी सामने आती है, जिससे माता-पिता में रोष रहता है.

हर साल बढ़ता खर्च और घटता बजट

पाकिस्तान में शिक्षा पर खर्च लगातार बढ़ता तो है, लेकिन जीडीपी के अनुपात में देखें तो स्थिति निराशाजनक है. 2009 में सरकार ने शिक्षा पर 7% GDP खर्च का लक्ष्य रखा था, लेकिन 2018-19 तक यह गिरकर मात्र 2.4% रह गया. 2024-25 के संघीय बजट में शिक्षा को सिर्फ PKR 58 बिलियन ही आवंटित किए गए, जो पिछली बार से काफी कम है.

बच्चे स्कूल से क्यों दूर हैं?

शिक्षा पर बढ़ते खर्च और घटती प्राथमिकता का सीधा असर बच्चों की स्कूलिंग पर पड़ा है. वर्तमान में पाकिस्तान में लगभग 22.8 मिलियन बच्चे स्कूल नहीं जाते. यह संख्या नाइजीरिया के बाद दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी है. आर्थिक असमानता, आतंकवाद, अस्थिर राजनीति और महंगी शिक्षा इसके प्रमुख कारण हैं.