NEET-PG 2025: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-PG) 2025 को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. अदालत ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को निर्देश दिया है कि स्नातक मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली इस राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा को दो शिफ्ट के बजाय एक ही शिफ्ट में आयोजित किया जाए.
यह निर्णय NEET-PG 2025 को दो शिफ्ट में आयोजित करने की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान लिया गया. शीर्ष अदालत ने साफ़ किया कि दो शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करना "मनमानी" है और इससे पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं.
दो शिफ्ट की व्यवस्था पर सवाल
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया शामिल थे, ने अपने फैसले में कहा, "दो शिफ्ट में प्रश्नपत्र कभी भी एक ही कठिनाई स्तर के नहीं हो सकते. पिछले साल, यह (नीट-पीजी 2024) उस चरण के तथ्यों और परिस्थितियों में दो शिफ्ट में आयोजित किया गया हो सकता है. लेकिन परीक्षा निकाय को एक शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने की व्यवस्था करने पर विचार करना चाहिए था.'' कोर्ट ने एनटीए को परीक्षा प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया.
परीक्षा और परिणाम की तारीख
NEET-PG 2025 परीक्षा 15 जून को आयोजित होने वाली है, और इसका परिणाम 15 जुलाई को घोषित किए जाने की संभावना है. यह कंप्यूटर आधारित परीक्षा मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक लाखों छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है.
याचिका और अदालत के अन्य निर्देश
यह याचिका अदिति और अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर की गई थी, जिसमें दो शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने की प्रक्रिया को अनुचित बताया गया था. याचिका में तर्क दिया गया कि अलग-अलग शिफ्ट में प्रश्नपत्रों की कठिनाई के स्तर में अंतर होने से छात्रों के बीच असमानता पैदा हो सकती है. इसके जवाब में, सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई को राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (NMC), राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE), और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से जवाब मांगा था. हाल ही में, शीर्ष अदालत ने NEET-PG काउंसलिंग में सीट ब्लॉकिंग को रोकने के लिए कई निर्देश जारी किए थे. इसके साथ ही, परीक्षा के कच्चे अंक, उत्तर कुंजी, और सामान्यीकरण फॉर्मूले को सार्वजनिक करने का भी आदेश दिया गया.