menu-icon
India Daily

NCERT का बड़ा फैसला, अब सभी बोर्डों के प्रमाणपत्रों को मिलेगी समान मान्यता, छात्रों को मिलेगा सीधा फायदा

NCERT Equivalence Certificate 2025: अब यह जिम्मेदारी नेशनल असेसमेंट सेंटर – परफॉर्मेंस असेसमेंट, रिव्यू एंड एनालिसिस ऑफ नॉलेज फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट (PARAKH) को दी गई है.यह केंद्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्थापित किया गया है.

auth-image
Edited By: Reepu Kumari
NCERT Equivalence Certificate
Courtesy: Pinterest

NCERT Equivalence Certificate: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए यह घोषणा की है कि अब देशभर के विभिन्न शिक्षा बोर्डों द्वारा जारी 10वीं और 12वीं कक्षा के प्रमाणपत्रों को समानता (Equivalence) दी जाएगी.इस फैसले का सीधा लाभ उन छात्रों को मिलेगा जिन्हें उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला लेने या फिर सरकारी नौकरियों में आवेदन करते समय प्रमाणपत्रों की मान्यता संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.

शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इस आदेश की अधिसूचना ई-गजट में प्रकाशित कर दी है, जिससे यह नियम देशभर में लागू हो गया है. यह नया आदेश 15 नवंबर 2021 की उस अधिसूचना को निरस्त करता है, जिसमें प्रमाणपत्रों की समकक्ष मान्यता (Equivalence) देने का अधिकार एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (AIU) को सौंपा गया था.

PARAKH को बारे में

अब यह जिम्मेदारी नेशनल असेसमेंट सेंटर – परफॉर्मेंस असेसमेंट, रिव्यू एंड एनालिसिस ऑफ नॉलेज फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट (PARAKH) को दी गई है.यह केंद्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्थापित किया गया है. मंत्रालय का कहना है कि इससे समानता निर्धारण एक अधिक पारदर्शी, वैज्ञानिक और शैक्षणिक रूप से सटीक प्रक्रिया के माध्यम से होगा.

 PARAKH से कैसे होगा काम?

नया नियम PARAKH केंद्र के माध्यम से लागू किया जाएगा.इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को बरकरार रखते हुए सभी बोर्डों के प्रमाणपत्रों को एक समान मान्यता देना है.इससे छात्रों को पूरे भारत में बिना किसी अड़चन के स्कूल बदलने और उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला लेने में आसानी होगी.

किन पर लागू होगा नया नियम?

  • केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा स्थापित शिक्षा बोर्डों पर
  • संसद या राज्य विधानमंडल के अधिनियम से गठित बोर्डों पर
  • कार्यपालिका के आदेश से बने बोर्डों पर
  • वैधानिक निकायों और मान्यता प्राप्त संस्थाओं पर

छात्रों के लिए बड़ा लाभ

सरकार का मानना है कि इस कदम से छात्रों के लिए इंटर-बोर्ड पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित होगी.अब देशभर के सभी स्कूल शिक्षा बोर्डों के बीच प्रमाणपत्रों की समान मान्यता मिलेगी, जिससे छात्र एक बोर्ड से दूसरे बोर्ड में आसानी से माइग्रेट कर सकेंगे और किसी भी राज्य या संस्थान में उनकी पढ़ाई बाधित नहीं होगी.