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दिल्ली यूनिवर्सिटी में बड़ा बदलाव! सिलेबस से हट सकता है पाकिस्तान, चीन और इस्लाम से जुड़ा कंटेंट , शिक्षकों ने जताई नाराजगी

DTF की सचिव आभा देव और परिषद सदस्य मिथुराज धुसिया ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि ऐसी जबरन की गई कटौतियों से स्टूडेंट्स की सोचने-समझने की ताकत पर असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि असहज सवालों से भागने की बजाय संवाद जरूरी है.

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Edited By: Reepu Kumari
Delhi University
Courtesy: Pinterest

दिल्ली यूनिवर्सिटी के एमए राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम में जल्द ही एक बड़ा बदलाव हो सकता है. खबर है कि पाकिस्तान, चीन, इस्लाम और राजनीतिक हिंसा जैसे संवेदनशील मुद्दों से जुड़े टॉपिक्स को सिलेबस से हटाया जा सकता है. यह कदम हाल ही में हुए पहलगाम हमले के बाद उठाया गया है, जहां विभागाध्यक्षों को पाकिस्तान के महिमामंडन वाले कंटेंट को सिलेबस  हटाने की सलाह दी गई थी.

हालांकि इस बदलाव को लेकर यूनिवर्सिटी के कुछ फैकल्टी मेंबर्स काफी नाराज हैं. उनका कहना है कि इससे छात्रों की भू-राजनीतिक समझ पर असर पड़ेगा और अकादमिक स्वतंत्रता भी खतरे में पड़ सकती है.

कौन-कौन से टॉपिक्स हट सकते हैं?

इनमें ‘पाकिस्तान और विश्व’, ‘चीन की वैश्विक भूमिका’, ‘इस्लाम और अंतर्राष्ट्रीय संबंध’, ‘धार्मिक राष्ट्रवाद और राजनीतिक हिंसा’ जैसे पाठ शामिल हैं, जिन्हें हटाने या बदलने की योजना है.

फैकल्टी ने जताई कड़ी आपत्ति

DU की स्थायी समिति की सदस्य डॉ. मोनामी सिन्हा ने कहा कि पाकिस्तान और चीन जैसे देशों पर पढ़ाई जरूरी है क्योंकि ये भारत की विदेश नीति से सीधे जुड़े मुद्दे हैं. बिना गहराई से पढ़ाए छात्रों को समझ विकसित नहीं हो पाएगी.

शिक्षकों का आरोप-खत्म हो रही है अकादमिक स्वतंत्रता

DTF की सचिव आभा देव और परिषद सदस्य मिथुराज धुसिया ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि ऐसी जबरन की गई कटौतियों से स्टूडेंट्स की सोचने-समझने की ताकत पर असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि असहज सवालों से भागने की बजाय संवाद जरूरी है.

अब आगे क्या?

अगर ये बदलाव होते हैं तो विभाग नए पाठ्यक्रम तैयार करेगा जिसे यूनिवर्सिटी की पाठ्यक्रम समिति और अकादमिक परिषद की मंज़ूरी लेनी होगी. तब जाकर यह फैसला फाइनल माना जाएगा.