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India Daily

हॉर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने से क्या भारत में तेल की सप्लाई पर क्या और कितना असर होगा? पेट्रोलियम मंत्री ने बताया

बता दें कि ईरान की संसद ने हॉर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का आदेश दिया है. माना जा रहा है कि इससे कई देशों में तेल की आपूर्ति का संकट गहरा सकता है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
What impact will the closure of the Strait of Hormuz have on India's oil supply

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को आश्वासन दिया कि मध्य पूर्व में बदलती भू-राजनीतिक स्थिति के बावजूद भारत की तेल आपूर्ति पर हॉर्मुज जलडमरूमध्य की स्थिति का असर नहीं पड़ेगा. सरकार ने कच्चे तेल के आयात को डायवर्सिफाई कर लिया है, जिससे आपूर्ति का बड़ा हिस्सा अब इस जलडमरूमध्य पर निर्भर नहीं है.

बड़ा हिस्सा  हॉर्मुज जलडमरूमध्य से नहीं आता

पुरी ने एक्स पर लिखा, “हम पिछले दो सप्ताह से मध्य पूर्व की बदलती भू-राजनीतिक स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. पीएम @narendramodi जी के नेतृत्व में, हमने पिछले कुछ वर्षों में अपनी आपूर्ति को डायवर्सिफाई किया है और अब हमारी आपूर्ति का बड़ा हिस्सा हॉर्मुज जलडमरूमध्य से नहीं आता.” उन्होंने कहा, “हमारी तेल विपणन कंपनियों के पास कई हफ्तों की आपूर्ति है और विभिन्न मार्गों से ऊर्जा आपूर्ति जारी है. हम अपने नागरिकों को ईंधन आपूर्ति की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे.”

मध्य पूर्व में तनाव
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के ईरान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमलों के बाद तेल बाजारों में उछाल की उम्मीद है. फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, ईरान द्वारा हॉर्मुज जलडमरूमध्य में तेल क्षेत्रों, निर्यात टर्मिनलों या टैंकरों पर जवाबी कार्रवाई की आशंका से बाजार में अस्थिरता की संभावना है.

भारत की तैयारी
एक रिपोर्ट के अनुसार, मध्य पूर्व की अस्थिर स्थिति को देखते हुए भारतीय तेल रिफाइनरियों ने अगले तीन महीनों के लिए कच्चे तेल की आपूर्ति सुनिश्चित कर ली है. भारत के पास 74 दिनों का कुल तेल भंडार है, जिसमें IOCL के पास 40-42 दिन, इंडियन स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व्स लिमिटेड (ISPRL) के पास 9 दिन से अधिक, और बाकी BPCL व HPCL के पास है.

आयात में बदलाव
Kpler के प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, भारत जून में रूस से 2.16 मिलियन बैरल प्रतिदिन (bpd) तेल आयात कर रहा है, जो पिछले दो वर्षों में सबसे अधिक है. अमेरिका से आयात भी 66% बढ़कर 439,000 bpd हो गया है. भारत 40% तेल रूस से, 40% मध्य पूर्व (सऊदी अरब, इराक, यूएई, कुवैत) से, और बाकी अमेरिका व पश्चिम अफ्रीकी देशों से आयात करता है.