menu-icon
India Daily

कहीं समय पर पहुंचे ऑर्डर, कहीं अटकी फूड डिलीवरी, न्यू ईयर ईव पर Swiggy-Zomato की हड़ताल का कितना पड़ा असर?

न्यू ईयर ईव पर गिग वर्कर्स की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर शहरों में अलग-अलग दिखा. कई जगह सेवाएं सामान्य रहीं, जबकि कुछ क्षेत्रों में खासकर फूड डिलीवरी में आंशिक और अस्थायी दिक्कतें सामने आईं.

Kuldeep Sharma
Edited By: Kuldeep Sharma
कहीं समय पर पहुंचे ऑर्डर, कहीं अटकी फूड डिलीवरी, न्यू ईयर ईव पर Swiggy-Zomato की हड़ताल का कितना पड़ा असर?
Courtesy: social media

नई दिल्ली: 31 दिसंबर को गिग वर्कर यूनियनों की हड़ताल की घोषणा के बाद देशभर में फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी बाधित होने की आशंका जताई जा रही थी. 

न्यू ईयर ईव ऐप-आधारित प्लेटफॉर्म्स के लिए सबसे व्यस्त दिनों में से एक होता है. ऐसे में सवाल था कि स्विगी, जोमैटो और क्विक कॉमर्स सेवाओं पर इसका कितना असर पड़ेगा. अलग-अलग शहरों से मिले अनुभव बताते हैं कि हड़ताल का प्रभाव एक समान नहीं रहा.

हड़ताल की वजह और पृष्ठभूमि

गिग वर्कर संगठनों ने सुरक्षा, घटती कमाई, लंबे काम के घंटे, सामाजिक सुरक्षा की कमी और बिना कारण अकाउंट ब्लॉक किए जाने के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया था. 25 दिसंबर को कुछ इलाकों में आंशिक हड़ताल के बाद 31 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन की बात कही गई. प्लेटफॉर्म्स की साल के अंत में डिलीवरी पार्टनर्स पर निर्भरता के चलते अनिश्चितता बनी रही.

दिल्ली-एनसीआर से मिले-जुले संकेत

दिल्ली-एनसीआर में सोशल मीडिया पर डिलीवरी राइडर्स की अलग-अलग बातें सामने आईं. कुछ ने हड़ताल में शामिल होने की बात कही, तो कई राइडर्स ने काम सामान्य रहने का दावा किया. चत्तर्पुर में रहने वाले कारोबारी हरदीप सिंह गिल ने बताया कि ब्लिंकिट और जेप्टो से ग्रॉसरी ऑर्डर में कोई दिक्कत नहीं आई और सड़कों पर डिलीवरी कर्मी सामान्य दिनों की तरह दिखे.

नोएडा और सूरत का अनुभव

नोएडा सेक्टर-34 में रहने वाले मार्केटिंग प्रोफेशनल प्रखर मिश्रा के अनुसार, ब्लिंकिट से उनका ऑर्डर तय समय में पहुंचा. उन्होंने बताया कि 25 दिसंबर की तुलना में इस बार ऐप पर कोई रुकावट नहीं दिखी. वहीं सूरत में तस्वीर थोड़ी अलग रही. कारोबारी शरत भट्ट ने कहा कि क्विक कॉमर्स सामान्य रहा, लेकिन स्विगी पर फूड डिलीवरी दोपहर तक प्रभावित रही, जबकि जोमैटो सुबह से ऑर्डर ले रहा था.

पुणे, मुंबई और चेन्नई में स्थिति

पुणे के हिंजवाड़ी इलाके में रहने वाले आईटी इंजीनियर मनीष कुमार ने बताया कि जेप्टो से दूध और अंडे जैसे जरूरी सामान आसानी से मिल गए. मुंबई में वर्सोवा की अमीना सिद्दीकी ने रात और आधी रात के बाद भी स्विगी और इंस्टामार्ट से कई ऑर्डर बिना किसी परेशानी के मिलने की बात कही. चेन्नई के पम्मल इलाके में भी न तो देरी हुई, न अतिरिक्त शुल्क लगा.

इंसेंटिव और कुल मिलाकर असर

भोपाल में दिन के समय डिलीवरी गतिविधियां सामान्य दिखीं. विशेषज्ञों का मानना है कि प्लेटफॉर्म्स ने पीक आवर्स के लिए इंसेंटिव बढ़ाकर सेवाएं बनाए रखीं. स्विगी, जोमैटो, ब्लिंकिट और जेप्टो ने 31 दिसंबर को भुगतान बढ़ाने की रणनीति अपनाई. कुल मिलाकर, हड़ताल से पूर्ण ठप नहीं हुआ, लेकिन कुछ शहरों में फूड डिलीवरी को अस्थायी झटके जरूर लगे.