नई दिल्ली: आज 5 दिसंबर 2025 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नतीजे घोषित करने वाला है. सुबह 10 बजे RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
पूरे देश की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या रेपो रेट में कटौती होगी या नहीं. अगर कटौती हुई तो होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की EMI कम हो सकती है, जिससे करोड़ों लोगों की जेब को राहत मिलेगी.
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है. जब रेपो रेट कम होता है तो बैंक भी अपने ग्राहकों को सस्ता लोन देते हैं. नतीजा आपकी EMI घट जाती है. अभी रेपो रेट 5.50% पर है. फरवरी 2025 से अब तक RBI ने तीन बार कुल 100 आधार अंक (1%) की कटौती की थी लेकिन पिछले दो मौकों पर दरें नहीं बदली गईं.
अर्थशास्त्रियों और बाजार विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है. कई बड़े बैंक और रिसर्च हाउस (जैसे क्रिसिल, SBI रिसर्च) मान रहे हैं कि अक्टूबर-नवंबर में महंगाई बहुत कम होने से 25 आधार अंक (0.25%) की कटौती हो सकती है. वहीं कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि रुपया कमजोर हो रहा है और खाने-पीने की चीजों की कीमत फिर बढ़ सकती है इसलिए RBI अभी इंतजार कर सकता है.
RBI के सामने इस बार मुश्किल स्थिति है क्योंकि सारे आंकड़े एक दिशा में नहीं दिखा रहे, अक्टूबर में खुदरा महंगाई सिर्फ 4.2% के करीब रहने का अनुमान है, जो RBI के 4% लक्ष्य के बहुत नजदीक है. दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 6.8-7% के आसपास रहने की उम्मीद है.
रुपया 86 के पार चला गया है, जिससे पेट्रोल-डीजल और इंपोर्ट सामान महंगा हो सकता है. इन सबके बीच RBI को तय करना है कि अर्थव्यवस्था को और तेज करने के लिए रेट काटे या महंगाई पर फिर से काबू पाने के लिए सतर्क रहे.
मान लीजिए आपका 50 लाख का होम लोन 20 साल के लिए 8.50% ब्याज पर चल रहा है. अभी EMI करीब 43,400
0.25% कटौती के बाद ब्याज दर 8.25% होने पर EMI करीब 42,400 (यानी हर महीने ₹1,000 तक की बचत).
रियल एस्टेट कंपनियां उम्मीद कर रही हैं कि अगर रेट कटे तो घर खरीदार फिर से बाजार में आएंगे. पिछले एक साल में कई शहरों में बिक्री पहले ही बढ़ चुकी है. वहीं शेयर बाजार को भी सस्ती ब्याज दरों से फायदा मिलता है क्योंकि कंपनियों का कर्ज सस्ता पड़ता है.