US Tariff News: अमेरिकी सेमीकंडक्टर दिग्गज एनविडिया का चीन के उन्नत चिप बाजार में वर्चस्व खत्म हो गया है. कंपनी के सीईओ जेन्सेन हुआंग ने न्यूयॉर्क में सिटाडेल सिक्योरिटीज के एक कार्यक्रम में खुलासा किया कि 2022 से लागू अमेरिकी निर्यात प्रतिबंधों के कारण एनविडिया की बाजार हिस्सेदारी 95% से शून्य हो गई है. इन प्रतिबंधों ने कंपनी को अपने हाई-परफॉर्मेंस AI चिप्स, जैसे A100, H100 और H200, को चीनी कंपनियों को बेचने से रोक दिया है. हाल ही में जारी एक इंटरव्यू वीडियो में हुआंग ने नीति में बदलाव की उम्मीद जताई.
आत्मनिर्भर बन रहा चीन
चीन ने सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं. हुआवेई जैसी कंपनियों ने स्वदेशी AI चिप्स विकसित कर एनविडिया की जगह लेना शुरू कर दिया है. हुआवेई ने उन्नत विनिर्माण तकनीकों और क्लस्टरिंग विधियों के जरिए एनविडिया की तकनीक को बायपास करने में सफलता हासिल की है. एनविडिया को चीन के लिए कम शक्तिशाली H20 चिप बेचने की अनुमति मिली, लेकिन चीनी अधिकारियों ने इसकी सुरक्षा जांच शुरू कर दी और स्थानीय कंपनियों को इसे खरीदने से मना किया.
NEW:
— Megatron (@Megatron_ron) October 18, 2025
🇺🇲🇨🇳 Nvidia CEO Jensen Huang says they have lost the biggest market:
"We’re 100% out of china — from 95% market share to 0%. Whatever policy did that made america lose one of the world’s biggest markets.” pic.twitter.com/l713hwTIJs
वैश्विक AI दौड़ पर असर
हुआंग ने चेतावनी दी कि एनविडिया को चीन से बाहर रखने से स्थानीय कंपनियां जैसे हुआवेई बाजार पर कब्जा कर सकती हैं. उन्होंने कहा, “चीन के 50% AI शोधकर्ताओं को अमेरिकी तकनीक से वंचित करना गलत है.” चीन की साइबरस्पेस प्रशासन ने हाल ही में बाइटडांस और अलीबाबा जैसी टेक कंपनियों को एनविडिया के AI चिप्स खरीदने से रोक दिया, जिसमें RTX Pro 6000D सर्वर भी शामिल है.
भविष्य की चुनौतियां
एनविडिया की चीन से अनुपस्थिति वैश्विक AI और सेमीकंडक्टर बाजार को नया आकार दे सकती है. जैसे-जैसे चीन स्वदेशी चिप विकास को गति दे रहा है, वैश्विक तकनीकी नेतृत्व और सहयोग के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण होगा.