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India US Trade Deal: भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर संकट! तारीख और जगह तय न होने से अटकी बातचीत, अब आगे क्या?

India-US Trade Deal: खासतौर पर जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) उत्पादों को लेकर सरकार ने ‘रेड लाइन’ तय की है ताकि भारतीय किसानों के हित और खाद्य सुरक्षा प्रभावित न हों. अधिकारी बताते हैं कि बातचीत सही दिशा में है, लेकिन प्रक्रिया किस्तों में आगे बढ़ेगी.

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Edited By: Reepu Kumari
India US Trade Deal
Courtesy: Pinterest

India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चल रही ट्रेड डील अब अटकती नजर आ रही है. दोनों देशों ने नए व्यापारिक प्रस्तावों पर बातचीत तो शुरू कर दी है, लेकिन अगली बैठक की तारीख और जगह तय नहीं हो पाई है. भारत ने अमेरिका से मक्का और तेल खरीदने पर चर्चा की है, जिसका इस्तेमाल इथेनॉल उत्पादन में होगा. वहीं, भारत ने अमेरिका के लगाए गए 25% अतिरिक्त टैरिफ हटाने की मांग भी रखी है.

ये टैरिफ रूस से तेल आयात करने पर अमेरिका ने भारत पर लगाए थे. अमेरिका का तर्क है कि रूस से खरीदे गए तेल से यूक्रेन युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से फंडिंग मिल रही है. वहीं भारत साफ कर चुका है कि कृषि क्षेत्र में अमेरिकी कंपनियों को मार्केट एक्सेस देने पर सख्ती से पाबंदी होगी.

‘रेड लाइन’ तय

खासतौर पर जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) उत्पादों को लेकर सरकार ने ‘रेड लाइन’ तय की है ताकि भारतीय किसानों के हित और खाद्य सुरक्षा प्रभावित न हों. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बातचीत सही दिशा में है, लेकिन प्रक्रिया किस्तों में आगे बढ़ेगी. अब तक पांच दौर की चर्चा हो चुकी है, जबकि अगस्त में होने वाला छठा दौर स्थगित कर दिया गया था. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या पतझड़ तक डील पर कोई ठोस नतीजा निकल पाएगा या बातचीत और खिंच जाएगी.

भारत का प्रस्ताव: मक्का और तेल आयात

भारत ने अमेरिका से मक्का आयात कर इथेनॉल बनाने का प्रस्ताव दिया है. साथ ही कच्चे तेल की खरीद बढ़ाने पर भी चर्चा हुई है. ये कदम ऊर्जा सुरक्षा और वैकल्पिक ईंधन के लिहाज से अहम माना जा रहा है.

टैरिफ और GM उत्पाद पर सख्त रुख

भारत ने अमेरिका से 25% अतिरिक्त टैरिफ हटाने की मांग की है. वहीं, सरकार ने साफ किया है कि GM मक्का और सोयाबीन जैसे उत्पादों को घरेलू बाजार में जगह नहीं दी जाएगी. यह कदम किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के हित में है.

बातचीत का ठहराव

हालांकि अब तक पांच चरण पूरे हो चुके हैं, लेकिन छठा दौर टलने से बातचीत धीमी पड़ गई है. अगली बैठक की तारीख और स्थान तय न होने से डील पर अनिश्चितता बनी हुई है. वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि चर्चा जारी रहेगी और दोनों पक्ष जल्द समाधान खोजने की कोशिश करेंगे.