98 फीसदी निर्यात पर टैक्स फ्री.., अमेरिका से तकरार के बीच ओमान से डील ने खोले भारत के लिए व्यापार के नए दरवाजे
भारत और ओमान के बीच सीईपीए समझौते से भारत के 98 प्रतिशत निर्यात पर टैक्स नहीं लगेगा. इससे व्यापार, रोजगार और रणनीतिक संबंध मजबूत होंगे और खाड़ी देशों में भारत की पकड़ बढ़ेगी.
नई दिल्ली: अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच भारत के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है. भारत ने ओमान के साथ एक अहम फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर सहमति बनाई है, जिससे भारतीय निर्यातकों को बड़ा फायदा मिलने वाला है. इस समझौते का नाम समग्र आर्थिक भागीदारी समझौता यानी सीईपीए है. पश्चिम एशिया में यह भारत का दूसरा बड़ा व्यापार समझौता है, इससे पहले भारत ने यूएई के साथ ऐसा करार किया था.
इस समझौते के तहत भारत की लगभग 98 प्रतिशत निर्यात योग्य वस्तुएं ओमान में बिना किसी आयात शुल्क के बेची जा सकेंगी. इसका सीधा मतलब है कि भारतीय उत्पाद ओमान में सस्ते होंगे और उनकी मांग तेजी से बढ़ेगी. इसके बदले भारत भी ओमान से आने वाले करीब 77 प्रतिशत उत्पादों पर आयात शुल्क हटाने को तैयार हुआ है. हालांकि भारत ने कृषि, दुग्ध उत्पाद, तेल और गैस जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को इस छूट से बाहर रखा है.
किन उत्पादों पर जीरो ड्यूटी की सुविधा दी जाएगी?
ओमान से आने वाले खजूर, मार्बल और कुछ पेट्रोकेमिकल उत्पादों पर जीरो ड्यूटी की सुविधा दी जाएगी, लेकिन यह सुविधा तय मात्रा तक ही सीमित रहेगी. यह प्रावधान दोनों देशों के हितों को संतुलित रखने के लिए किया गया है.
मौजूदा समय में ओमान में करीब 85 प्रतिशत उत्पादों पर 5 से 6 प्रतिशत तक इंपोर्ट ड्यूटी लगती है, जबकि कुछ खाद्य वस्तुओं पर 100 प्रतिशत तक टैक्स है. साल 2026 की पहली तिमाही से इन अतिरिक्त शुल्कों में कटौती शुरू होने की उम्मीद है.
2025 में भारत की ओर से ओमान में कितने का निर्यात हुआ?
वित्त वर्ष 2025 में भारत ने ओमान को 4.1 अरब डॉलर का निर्यात किया था, जबकि ओमान से 6.6 अरब डॉलर का आयात किया गया था. इन आंकड़ों से साफ है कि दोनों देशों के बीच व्यापार की बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं. सीईपीए लागू होने के बाद यह व्यापार और तेजी से बढ़ सकता है.
समझौते से क्या-क्या होगा फायदा?
इस समझौते से केवल वस्तुओं के व्यापार को ही नहीं, बल्कि सेवाओं और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा. वीजा नियमों में ढील से भारतीय प्रोफेशनल्स को ओमान में काम करने के नए अवसर मिलेंगे. आयुष सेक्टर के लिए भी ओमान का बाजार खुलेगा, जिससे भारतीय आयुर्वेदिक और हर्बल उत्पादों को बढ़त मिलेगी. एक अहम फैसला यह भी है कि ओमान भारतीय दवाओं की मंजूरी प्रक्रिया को तेज करेगा. साथ ही भारत के हलाल और ऑर्गेनिक सर्टिफिकेट को मान्यता दी जाएगी.